झांसी बुन्देलखंड राज्य तीन साल के भीतर बना देने का वादा हम बुंदेलियो से किया गया था।
तीन साल की जगह 9 साल से ज्यादा का समय गुजर जाने पर हमीरपुर से सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल को छोड़ अखंड बुन्देलखंड क्षेत्र के किसी भी सांसद ने संसद में राज्य निर्माण का मुद्दा नही रखा।
अमित शाह ने भी हम बुंदेलियो से कहा था कि ” बुन्देलखंड बहुत धनाड्य क्षेत्र है, यहाँ हो रहे अवैध खनन को रोक दिया जाए तो हर बुन्देली को एक मारुति मिल जाएगी।
केंद्र में 9 वर्ष, मध्यप्रदेश में 14 बर्ष से एवं उत्तर प्रदेश में साढ़े छै वर्ष से अमित शाह के दल की ही सरकार है फिर अवैध खनन रोक कर बुंदेलियो को मारुति कार क्यो नही दी गई। या तो अवैध खनन रुका नहीं या सत्ता दल भी अवैध खनन में शामिल हो गया है।
2023 में मध्यप्रदेश एवं 24 के आम चुनावों में इनका सीधा विरोध किया जाएगा।
पुष्पेंद्र सिंह चंदेल के अलावा अखंड बुन्देलखंड के सांसदों की राज्य निर्माण पर चुप्पी वाध्य कर रही है इस कारण हम बार बार पुतला जलाने के लिए वाध्य हो जाते है।
जब तक अखंड बुन्देलखंड क्षेत्र के सांसदगण लोक सभा मे बुन्देलखंड राज्य निर्माण के पक्ष में आवाज़ नही उठाएंगे पुतले जलाए जाते रहेंगे। अब आगे जो भी पुतले जलाए जायेगे उसका दायित्व अखंड बुन्देलखंड के सांसदों का होगा।
4 साल आपकीं प्रतीक्षा हम बुन्देली करते रहे पर आठों संसद सदस्यों ने बुन्देलखंड राज्य का पक्ष नही रखा।
आठ बार निवेदन के पत्र समस्त सांसदों को रजिस्टर्ड डाक से भेजे पर आपने उनको तबज्जो नही दिया।
नौवा पत्र आठों सांसदों को काला झंडा लगा कर रजिस्टर्ड डाक से बुंदेलियो की ओर से भेजे गए।
यदि आठों सांसद बुंदेलियो की भावनानुसार बुन्देलखंड राज्य का मुद्दा संसद में नही रखा तो लोक सभा सत्र के बीच मे पुनः पुतला जलाने का कार्य किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी आठों सांसदों की होगी।
आठों सांसदों को काला झंडा लगा पत्र भेने वालो में मोर्चा अध्यक्ष भानू सहाय, रघुराज शर्मा, कुँवर बहादुर आदिम, बंटी द्विवेदी, हनीफ खान, प्रदीप झा, कलाम कुरैशी, अनिल कश्यप, प्रभु कुशवाहा, ज्ञानवर्मा, राजेश शुक्ल, रहीम खान, सत्तर खान आदि अनेक लोग उपस्थित