भाजपाईयों को भी कार्यक्रमो से उबन होने लगी?

झांसी 12 सितम्बरः जनता के बीच जाने के बजाय कार्यक्रमो  मे उलझी भाजपा के अब सक्रिय सदस्य से लेकर आम कार्यकर्ता उबने लगा है। इसकी बानगी महानगर कार्यालय मे  होने वाले कार्यक्रमो  मे  देखी जा सकती। कुर्सियां खाली पड़ी रहती हैं।

प्रदेश मे बहुमत की सरकार आने के बाद भी भाजपाई जनता से जुड़ने के मुददे नहीं तलाश पा  रहे। अपनी पार्टी के दिशा-निर्देेशांे मे उलझे भाजपाईयों  को अब लगने लगा है कि रोज-रोज एक ही तरह  के  कार्यक्रम क्यों  हो रहे हैं? जनता को क्यांे नहीं बताया जा रहा कि पार्टी क्या कर रही? कयों नगर की समस्याओ  के निदान के लिये पदाधिकाी, मंत्री, विधायक सड़क पर आ रहे।

भाजपा के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि सामाजिक समरसा के कार्यक्रम करने मे  तो वह आगे रहती है, लेकिन जनता से जुड़ने के मुददे उसे विपक्ष मे  ही याद आते हैं। यही कारण है कि अब महानगर कार्यालय मे  वो भीड़ नजर नहीं आती, जो पहले हुआ करती  थी। एक कारण यह भी है कि महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी की संगठन पर पकड़ नहीं रह गयी है। उन्हे  आम कार्यकर्ता पसंद नहीं करता?

इसके अलावा मुददो  को हल करने की दिशा मे  सार्थक पहल न होने से भी कार्यकर्ता नाराज है। कार्यकर्ताओ  का कहना है कि आये दिन कोई न कोई मंत्री या माननीय का दौरा हो रहा है। कोई यह बतायेगा कि इन दौरो  से बुन्देलखण्ड को क्या लाभ हो रहा? क्या यह माननीय कभी जनता से मिलने का कार्यक्रम बना पाए।

सवाल तो भाजपा फसल ऋण योजना को लेकर भी उठा रहे हैं। उनका कहना है कि छोटी सी राशि को माफ कर पार्टी छलावे का काम कर रही है। बरहाल, भाजपाईयों मे  लगातार बैठको  को  लेकर खुसुर-पुसुर तो होनी ही लगी है।

 

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