राजा भैया की रणनीति से 30 को जन्म लेंगे नए सियासी समीकरण, रिपोर्ट- अवनीत गुर्जर

लखनऊ 24 नवंबर। कद्दावर नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया 30 नवंबर को लखनऊ में अपनी सियासी रणनीति का खुलासा करेंगे। माना जा रहा है कि इस दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति में नए राजनीतिक अध्याय का जहां आवाज होगा तो वही राजनीतिक दलों के लिए राजा भैया की चुनौती सवाल बन कर खड़ी होगी।

राजा भैया 30 नवंबर को रजत जयंती समारोह के अवसर पर अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे। इस समय पूरे प्रदेश में एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ़ गोपाल भैया 30 नवंबर को होने वाली रैली के लिए समर्थन जुटा रहे हैं।

उन्हें जिस अंदाज में युवा और सभी जाति वर्गों का समर्थन मिल रहा है उससे संकेत मिल रहे हैं कि राजा भैया की रणनीति राजनीति में धमाका करेगी।

बीते दोनों अक्षय प्रताप ने साफ किया कि उनका किसी भी दल से कोई मुकाबला नहीं। सभी जाति और धर्म के लिए राजनीति की शुरुआत कर रहे हैं। पिछले कई सालों में राजा भैया और सभी लोगों ने जो समाज और देश के लिए राजनीतिक समाज सेवा का योगदान दिया है वह आज लोगों से मिलने के बाद नजर आ रहा है।

कहा जा रहा है कि राजा भैया की राजनीति सेवा के 25 साल पूरे होने के मौके पर यह रजत जयंती समारोह आयोजित किया जा रहा है । इस समारोह के जरिए जहां राजा भैया अपने राजनीतिक ताकत का एहसास कराएंगे वहीं सुबह में एक नई राजनीतिक चुनौती भी पेश करेंगे।

माना जा रहा है कि राजा भैया के नए राजनीतिक दल के सामने आने के बाद समाजवादी पार्टी बहुजन समाज पार्टी भाजपा और कांग्रेस के खेमे में खलबली मच सकती है ।

इस बात के संकेत इससे मिलते हैं कि बीते दिनों जब मीडिया ने अक्षय प्रताप से सवाल किया कि वह कहीं ना कहीं भाजपा, बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्होंने साफ किया कि वह किसी वर्ग या किसी जाति विशेष की राजनीति नहीं करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वह कभी किसी राजनैतिक दल के वोट बैंक में भी सेंध लगाने की नहीं सोचते हैं। उनका अपना जनाधार है ।उनके अपने समर्थक हैं । बह सर्व समाज के लिए राजनीतिक सेवा करने को प्रतिबद्ध हैं।

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