राम की आरती करते ही मुसलमान नहीं रह गयी महिलाएं?

नई दिल्ली 21 अक्टूबरः भगवान श्रीराम की आरती करने वाली महिलाओ  को दारूल उलेमा ने मुस्लिम मानने से इंकार कर दिया।उलेमा ने कहा कि मुस्लिम अल्लाह के अलावा किसी और की पूजा अर्चना करने वाले मुसलमान नहीं है।गौरतलब है कि 18 अक्टूबर को अयोध्या में योगी आदित्यनाथ ने दीपावली पूजा की थी। इस दौरान कुछ मुस्लिम महिलाओ  ने भगवान श्रीराम की आरती की थी।

आरती करने वाली समूह की नाजनीन अंसारी ने कहा कि हम श्रीराम के वंशज है। हम अपना नाम और धर्म बदल सकते हैं, लेकिन अपने पूर्वजों  को कैसे बदल सकते?उन्होने  कहा कि इस्लाम भी भाईचारे को बढ़ावा देता है। यदि पूजा से भाईचारा बढ़ता है, तो इसमे  इतना हो हल्ला क्यो ?

हुकुलगंज की वरुणानगरम् कॉलोनी में नाजनीन की अगुवाई में महिलाओं के समूह ने आरती की थाल के साथ भगवान राम की उतारी और हनुमान चालीसा का पाठ किया. इस कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान की ओर सामाजिक सौहार्द का संदेश देने के लिए किया गया था.

बता दें कि 2006 में वाराणसी स्थित संकट मोचन मंदिर में आतंकी बम धमाके के बाद से श्रीराम की आरती किए जाने की प्रथा चली आ रही है. उस समय से मुस्लिम महिला फाउंडेशन की प्रेसिडेंट नाजनीन और महिलाओं का एक समूह रामनवमी और दिवाली के मौके पर आरती और पूजा करता आ रहा है.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *