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राष्ट्रपति ने भी आप विधायको को अयोग्य घोषित किया

नई दिल्ली 21 जनवरीः लाभ के पद के आरोप मे घिरे आप विधायको  की चुनाव आयोग की सदस्यता समाप्त करने के निणर्य को लेकर सवाल उठा रहे आप के नेताओ  को राष्टपति की तरफ से भी झटका लगा। महामहिम ने आयोग की सिफारिश को मंजूर कर लिया।

बता दें कि चुनाव आयोग ने लाभ का पद के मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था. इसके बाद ‘आप’ ने चुनाव आयोग की सिफारिश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. जहां हाई कोर्ट ने आप के विधायकों को निर्वाचन आयोग की सिफारिश के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया था.

दरअसल, दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 2015 में ‘आप’ पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया था. इसके बाद प्रशांत पटेल नाम के वकील ने लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी.

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति अपने रिटायरमेंट से पहले सारे पेंडिंग केस खत्म करना चाह रहे हैं, इसलिए आयोग फटाफट पुराने मामलों का निपटारा कर रहा है. वह 22 को रिटायर हो जाएंगे. हालांकि सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि चुनाव आयोग इसका फैसला नहीं कर सकता, इसका फैसला अदालत में किया जाना चाहिए. पार्टी ने कहा कि विधायकों का पक्ष नहीं सुना गया.

संविधान के अनुच्‍छेद 102(1)(A) और 191(1)(A) के अनुसार संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है. यह लाभ का पद केंद्र और राज्य किसी भी सरकार का हो सकता है.

ये हैं AAP के 20 विधायक

  1. प्रवीण कुमार
  2. शरद कुमार
  3. आदर्श शास्त्री
  4. मदन लाल
  5. चरण गोयल
  6. सरिता सिंह
  7. नरेश यादव
  8. जरनैल सिंह
  9. राजेश गुप्ता
  10. अलका लांबा
  11. नितिन त्यागी
  12. संजीव झा
  13. कैलाश गहलोत
  14. विजेंद्र गर्ग
  15. राजेश ऋषि
  16. अनिल कुमार वाजपेयी
  17. सोमदत्त
  18. सुलबीर सिंह डाला
  19. मनोज कुमार
  20. अवतार सिंह

 

 

 

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