लालू के बेटे तेज प्रताप पर मुकदमा, 7 साल की सजा हो सकती

नई दिल्ली 13 सितम्बरः पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव  के परिवार को मुसीबतो  का सामना करना पड़ रहा है। बिहार की राजनीति मे  कल तक एकछत्र राज कर रहे लालू के परिवार की मुश्किलो का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके पूर्व मंत्री पुत्र तेज प्रताप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

यह मुकदमा चुनाव आयोग को दिये गये झूठे शपथ पत्र के आरोप मे  दर्ज हुआ है। बीजेपी के विधान पार्षद सूरज नंदन प्रसाद ने पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत मे  दर्ज कराया है। आरोप है कि पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे तेज प्रताप सिंह ने औरंगाबाद मे  खरीदी गयी 45.24 डिसमिल जमीन का ब्यौरा नहीं दिया।

इस मामले मे भाजपा विधायक अरूण कुमार सिन्हा और सुमन कुमार गवाह बने हैं।

परिवाद पत्र दायर करते हुए भाजपा विधान पार्षद सूरज नंदन प्रसाद के ने आरोप लगाया कि महुआ वैशाली के राजद विधायक तेज प्रताप यादव के द्वारा औरंगाबाद में खरीदी गई जमीन का विवरण 2015 के विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग को नहीं दिया गया था जबकि यह जमीन औरंगाबाद में 16 जनवरी 2010 को खरीदा गया था। फिलहाल इस जमीन पर लारा डिस्ट्रीब्यूटर्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से बाइक का शो रूम चल रहा है। तेजप्रताप के द्वारा चुनाव आयोग से छुपाए गए अपनी प्रॉपर्टी से ना केवल चुनाव आयोग को ही धोखा दिया गया है बल्कि लोक प्रतिनिधित्व की धारा 125( ए) आधी उल्लंघन किया गया है। और इस मामले में उनकी सदस्यता समाप्त भी हो सकती है। वहीं आईपीसी धारा 193 के अंतर्गत उन्हें 7 साल की सजा भी होगी।
 

 

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