सनातन धर्म का प्रत्येक धर्म ग्रंथ हमें कुछ ना कुछ सीख देता है: डॉ० संदीप रिपोर्ट: अनिल मौर्य

*रामलीला के 9वें दिन सुग्रीव मित्रता लीला का हुआ मंचन, मुख्य अतिथि रहे समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी*

सनातन धर्म का प्रत्येक धर्म ग्रंथ हमें कुछ ना कुछ सीख देता है: डॉ० संदीप

झांसी। बड़ा बाजार स्थित श्री बाल युवक रामलीला नाट्य समिति द्वारा 59 वां श्री रामलीला महोत्सव के 9वें दिवस पर सुग्रीव मित्रता लीला का मंचन हुआ, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झांसी के प्रतिष्ठित समाजसेवी संघर्ष सेवा समिति अध्यक्ष डॉ० संदीप सरावगी का समिति के पदाधिकारी एवं सदस्यों ने पुष्पमाला पहनाकर स्वागत किया। स्वागत पश्चात डॉ० संदीप ने भगवान के स्वरूपों में उपस्थित कलाकारों का तिलक पूजन एवं आरती कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके पश्चात कलाकारों ने सुग्रीव मित्रता का मंचन किया। डॉ० संदीप सरावगी ने श्री बाल युवक रामलीला नाट्य समिति (बड़ा बाजार), रामलीला के सभी पात्रों एवं पदाधिकारीयों की प्रसन्नता करते हुए कहा कि आज इन्हीं लोगों के अथक प्रयासों से नगर की रामलीला को देखने के लिए दर्शकों की अपार भीड़ आती है, आज के आधुनिक युग में जिस प्रकार से कमेटी सदस्यों ने 59 वर्ष तक रामलीला को संजोए रखा है लोगों को वास्तविकता में सनातन धर्म एवं संस्कृति के प्रति आस्था का बोध कराती है, रामायण में भगवान राम और सुग्रीव दोनों की एक समान स्थिति थी जहां माता सीता का हरण रावण द्वारा किया गया वहीं सुग्रीव की पत्नी का हरण उसके बड़े भाई राजा बाली ने किया दोनों की मित्रता का यही सबसे बड़ा कारण था कि दोनों की स्थिति एक समान थी। जहां वानरराज सुग्रीव ने भगवान राम की सहायता कर माता सीता को खोजने में सहायता की वहीं राजा राम ने बाली का वध कर सुग्रीव को न्याय दिलाया। रामायण हमें सिखाती है कि हमें जीवन में किस प्रकार अपनी समस्याओं का निराकरण करना है सनातन धर्म का प्रत्येक धर्म ग्रंथ हमें कुछ ना कुछ सीख देता है। हमें रामायण से सीख लेना चाहिए कि हमें इंसानों के साथ पशु पक्षियों के साथ भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए कौन हमारे कब काम आ जाए यह नहीं कहा जा सकता ? प्रतिदिन दर्शकों से राम लीला के मंचन से संबंधित प्रश्न का सही उत्तर देने वालों को अतिथि के द्वारा रामलीला समिति पुरस्कार से सम्मानित किया जाता जाता है, इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति से बसंत गुप्ता, राजू सेन, सुशांत गेंडा, राकेश अहिरवार, संदीप नामदेव, नीरज सिहोतिये (सभासद कैंट), महेश अग्रवाल (बल्ले), विशाल सिहोते, गोलू नरेश अग्रवाल (सहकार भारती) सहित सैकड़ों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। मंच का संचालन अरुण द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम के संयोजक भरत राय, संजय दोसाज, हरि प्रकाश शर्मा, अशोक अग्रवाल, राकेश जैन, राधेश्याम, मनोज सेन, बी०एन० तिवारी, अध्यक्ष ओमप्रकाश तिवारी रहे। स्वागत एवं आभार राजेंद्र हयारण ने व्यक्त किया।

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