जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कलेक्टर ने की स्वास्थ्य सुविधाओं की समीक्षा
अनूपपुर *(मध्य प्रदेश राजेश शिवहरे)* 25 मई स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मैदानी स्तर तक समन्वय बनाकर स्वास्थ्य सुविधाओं से आम जन को लाभान्वित करें। उक्ताशय के निर्देश कलेक्टर आशीष वशिष्ठ ने कलेक्ट्रेट स्थित नर्मदा सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सहित संबंधित स्वास्थ्य कर्मचारी उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने मातृ शिशु मृत्यु दर, एएनसी जांच, शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम, आयुष्मान भारत निरामयम् योजना, एनीमियामुक्त भारत, सिकलसेल, औषधि वितरण, ब्लड बैंक क्रियान्वयन के साथ ही स्वास्थ्य यंत्रों तथा स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन आदि के संबंध में समीक्षा की गई।
बैठक में एएनसी पंजीयन तथा गर्भवती महिलाओं की समय-समय पर जांच एवं प्रसव केन्द्रों के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से समीक्षा की गई तथा गर्भवती महिलाओं की सिकलसेल जांच भी अनिवार्यतः कराए जाने पर जोर दिया गया। बैठक में कलेक्टर ने उपलब्ध संसाधन का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करते हुए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वास्थ्य अमले की उपलब्धता के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने चिकित्सकों की कमी को देखते हुए जितने चिकित्सक उपलब्ध हैं, उनका ड्यिूटी स्थान एवं दिन सुनिश्चित करते हुए आमजनों को सहज स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आईएमआर-एमएमआर को ठीक करने के लिए माइक्रो प्लानिंग करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्रसव केन्द्रों में नियुक्त एएनएम की मुख्यालय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य अमले को चौकन्ना रहकर कार्य करने की जरूरत है। ताकि आम नागरिकों को सरलता से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने गर्भवती महिलाओं के लेट रेफरल केस में चिन्ता व्यक्त करते हुए व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं के एएनसी पंजीयन की स्थिति की समीक्षा करते हुए संख्यात्मक जानकारी ठीक नही पाए जाने पर मैदानी स्थिति के अनुरूप जानकारी प्रस्तुत करने तथा गर्भस्थ महिलाओं की समय पर जांच व स्वास्थ्य से संबंधित सुझाव आदि के कार्य समय पर सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि किसी तरह की जटिलता का सामना गर्भवती महिलाओं को न करना पडे़। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने शिशु मृत्यु दर पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वास्थ्य अमले को इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने एनआरसी में भर्ती बच्चों के डिस्चार्ज के बाद फालोअप लेने के भी निर्देश दिए। सिकलसेल, एनीमिया की दवाईयों की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सिकलसेल एनीमिया के मरीजों को दी जाने वाली दवाईयों का तीन महीने का स्टॉक उपलब्ध होना चाहिए। दवाईयों की उपलब्धता के लिए तीन माह पूर्व ही प्लानिंग कर दवा की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता के निर्देश दिए। बैठक में ई-औषधि पोर्टल तथा फिजिकल रूप से उपलब्ध औषधियों के मिलान पर बल देते हुए कहा कि दवाईयों के मिलान में अंतर मिलने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने आयुष्मान भारत निरामयम् योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनाए जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि एक जून से आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का कार्य स्वास्थ्य अमले द्वारा सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि शेष बचे लोगों के आयुष्मान कार्ड शत-प्रतिशत बनाए जाने की कार्ययोजना तय कर लक्ष्य अनुरूप कार्य किया जाए। उन्होंने नवनिर्मित 16 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में पानी, बिजली की सुविधा उपलब्धता के साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए केन्द्रों के संचालन प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास के लिए प्लान बनाकर कार्य किया जाए। सीएम हेल्पलाईन प्रकरणों में अप्रैल माह में बेहतर कार्य किए जाने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी माहों में भी संतुष्टिपूर्वक शिकायतों का निराकरण किया जाए तथा पूर्व माह की तरह शिकायतों के निराकरण की स्थिति को मेन्टेन रखा जाए। उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जारी एडवांस टूर प्लान के अनुरूप स्वास्थ्य सुविधाओं को देने पर बल दिया तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्वयन कर परिणाममूलक कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्वास्थ्य समिति में लिए गए निर्णय का मैदानी स्तर तक क्रियान्वयन सुनिश्चित करने तथा स्वास्थ्य कार्यक्रमों की मॉनीटरिंग सुनिश्चित कर व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए।