नई दिल्ली 23 मार्चः समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर से आंदोलन करने जा रहे हैं। आज उन्होने राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्प भेट किये। वो भूख हड़ताल पर जा रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि इस बार अन्ना का आंदोलन किस दिशा मे जाएगा।
आपको बता दे कि पिछली बार अन्ना के आंदोलन से केजरीवाल की टीम निकलकर सामने आयी थी। इस बार केजरीवाल जैसे नेता तो साथ नहीं है, लेकिन प्रशान्त भूषण, योगेन्द्र का समर्थन मिल रहा है।
लोकपाल और किसानो के नाम हो रहे अन्ना के आंदोलन को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। मोदी सरकार को निशाने पर लेकर आंदोलन पर बैठे अन्ना क्या मांग पूरी होने से पहले आंदोलन समाप्त करेगे या फिर कोई नया करिश्मा होगा?
किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्याचदा दाम मिले.
2. खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन.
3. कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले.
4. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए.
5. लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो.
6. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्तत किया जाए.
7. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए.
सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं: अन्नाा
अन्नाो हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा- ‘प्रदर्शनकारियों को दिल्लीक लेकर आ रही ट्रेन आपने कैंसिल कर दी. आप उन्हेंं हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं. मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. मैं कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए. आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती. सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है.’
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