अयोध्या के समान ओरछा का भी हो भव्यता के साथ विकास- संदीप सरावगी

11000 कन्याओं के पूजन, कन्या भोज और विशाल भंडारे के साथ धार्मिक आयोजन का हुआ समापन

रामराजा सरकार की नगरी ओरछा में कुंवर हरदौल की समाधि पर सात दिवसीय धार्मिक आयोजन आज 11000 कन्याओं के पूजन, कन्या भोज और विशाल भंडारे के साथ समाप्त हुआ। यह कार्यक्रम 4 जून से प्रारंभ हुआ जिसमें पांच दिवसीय राम कथा का समापन 8 जून को हुआ। इसके पश्चात 9 जून को अखंड गोट गायन का आयोजन किया गया। अगले दिवस 10 जून को विनायक चतुर्थी के दिन पुष्य नक्षत्र की शुभ बेला में 10 जून को कन्या पूजन, कन्या भोज और विशाल भंडारे के साथ समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉक्टर संदीप सरावगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में कथा व्यास के रूप में लघु वृंदावन धाम दतिया निवासी पूज्या बाल शक्ति पूर्वी व्यास शास्त्री उपस्थित रहीं। कार्यक्रम आयोजक मिस झाँसी वेलफेयर सोसाइटी द्वारा कई हफ्तों के अथक प्रयास के बाद कार्यक्रम को पूर्ण रूप से सफल बनाने में पूर्ण मनोयोग से कार्य किया गया। कार्यक्रम के अंतिम दिन कार्यक्रम स्थल पर समाजसेवी संदीप सरावगी का माल्यार्पण कर व पगड़ी पहनाकर कर भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम स्थल पर डॉ० संदीप द्वारा कन्याओं के पैर पखारकर अपने हाथों से भोजन प्रसादी वितरित की गयी। इसके पश्चात गोट गायकों को तिलक कर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर आये हुए आगंतुकों को संबोधित करते हुए डॉ० संदीप सरावगी ने कहा हमारे देश में समय-समय पर भगवानों ने मानव अवतार लेकर पृथ्वी को अत्याचार से मुक्त किया है। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार त्रेता युग में भगवान विष्णु ने प्रभु श्री राम का अवतार लेकर दैत्य राज रावण का वध कर बुराइयों का अंत किया। 14 वर्ष के वनवास काल में उनकी भार्या माता सीता और अनुज लक्ष्मण सहित अतुलित बलशाली पवनपुत्र हनुमान, जामवंत, सुग्रीव, अंगद, विभीषण एवं पक्षीराज जटायू जैसे कई प्रभु भक्तों ने निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया। हमें अपना जीवन किस तरह जीना चाहिए और एक दूसरे के सहयोग से कैसे विपत्तियां पर विजय पाना है यह सीख हमें रामायण से मिलती है। वर्तमान सरकार के प्रयासों से प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में प्रभु विराजमान हो चुके हैं यह हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है। ऐसा माना जाता है की प्रभु श्री राम दिन में ओरछा धाम में निवास करते हैं और रात्रि विश्राम के लिए अयोध्या के लिए गमन कर जाते हैं हमारे देश में धार्मिक स्थल के रूप में जितना महत्व अयोध्या का है उतना ही महत्व ओरछा का भी है। मैं केंद्र व राज्य सरकार से अनुरोध करता हूं कि अयोध्या की तरह ओरछा धाम को भी भव्यता के साथ विकसित किया जाये। हमारे समाज के पतन का मुख्य कारण अपने आराध्यों के पद चिन्हों पर न चलना है। हमारी युवा पीढ़ी में हमारे भगवानों और धर्म ग्रंथो के संबंध में ज्ञान का काफी अभाव देखने को मिल रहा है जबकि भगवानों का पृथ्वी पर अवतार लेने का मुख्य उद्देश्य हमें उत्कृष्ट जीवन शैली सिखाना ही था लेकिन आधुनिक चका चौंध में हम सब भूलते जा रहे हैं। हमें अपने बच्चों को भी संस्कारित करना चाहिए साथ ही उन्हें समय-समय पर धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित करना चाहिए जिससे आगे आने वाले समय में हमारा धर्म अपना अस्तित्व बनाए रख सके। मैं मिस झांसी वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्षा एड. जयंती कुशवाहा और उनकी पूरी टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मातृशक्ति का अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए इस कार्यक्रम को सफल बनाया और मुझे इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने का अवसर दिया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मिस झांसी वेलफेयर सोसाइटी से राधा सिंह उपाध्यक्ष, मोहिनी सिंह कुशवाहा कोषाध्यक्ष, कविता कुशवाहा महासचिव, शिवानी गौतम मंडल अध्यक्ष, रवीना पाल, रोशनी, राखी, कशिश, कथा पारीक्षित दयावती चंद्रशेखर राजपूत, उदय राजपूत हस्तिनापुर, जगदीश कुशवाहा, समाजसेवी घनश्याम दास कुशवाहा सीनियर एडवोकेट एवं समस्त गोटिया समाज तथा अखिल भारतीय कुशवाहा क्षत्रिय फाउंडेशन के संस्थापक ठाकुर देवकीनंदन राजावत, राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर सीताराम कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र सिंह कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर वीर बहादुर सिंह एवं संघर्ष सेवा समिति से संदीप नामदेव, अनुज प्रताप सिंह, आशीष विश्वकर्मा, अरुण पांचाल, बसंत गुप्ता, सुशांत गेंड़ा, राकेश अहिरवार, राजू सेन, कमल मेहता, मास्टर मुन्नालाल आदि उपस्थित रहे।

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