नई दिल्ली 8 मार्च । राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अहम फैसला सुनाया है। कई दशकों से चल रहे इस मामले का विवाद अब मध्यस्था से सुलझाया जाएगा। मंदिर और मस्जिद पक्ष से मिले चुनावों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थों के नाम फाइनल कर दिए हैं।
इन्हें 2 महीने के अंदर सभी पक्षों से बात करनी होगी । हालांकि मध्यस्थता में शामिल श्री श्री रविशंकर के नाम को लेकर ओवैसी ने एतराज जताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि इस मामले का हल मध्यस्थता के जरिए हो ।
इसके लिए मध्यस्थता कमेटी का गठन किया गया है । कमेटी में अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह करेंगे। इसके साथ इस कमेटी में श्री श्री रविशंकर श्री राम पंचू शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह पूरी मध्यस्थता की प्रक्रिया अयोध्या में होगी । इस प्रक्रिया की कोई मीडिया रिपोर्टिंग नहीं होगी। मध्यस्थता की प्रक्रिया को एक हफ्ते में शुरू किया जाना है। इसके शुरू होने के 4 हफ्ते बाद एक प्रगति रिपोर्ट मांगी गई है । 8 हफ्ते में मध्यस्थता की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी । इसके बाद कमेटी को अपनी फाइनल रिपोर्ट नहीं होगी।
मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर ए आई एम आई एम के प्रमुख ओबीसी में श्री श्री रविशंकर के नाम पर आपत्ति जताई है।
हालांकि उन्होंने बाकी दोनों के नाम पर कोई बयान देने से परहेज किया है । ओबीसी ने कहा कि अब चुकी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है,तो अब श्री श्री रविशंकर को निष्पक्ष रहना होगा। उम्मीद है कि वो अपनी जिम्मेदारी समझेंगे।
इधर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता कमेटी बनाए जाने के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस फैसले का स्वागत किया है बीजेपी की नेता उमा भारती ने कहा कि विवादित स्थल पर केवल मंदिर बनेगा।