बेंगलुरु 23 मई कांग्रेस जीडीएस गठबंधन की सरकार के गठन के दौरान आज मुख्यमंत्री के तौर पर कुमार स्वामी ने शपथ ग्रहण की इस दौरान विपक्ष के नेताओं के जमावड़े के बीच सबसे रोचक बात यह रही कि बसपा सुप्रीमो मायावती मंच पर मौजूद सोनिया गांधी का काफी देर तक हाथ थामे रहे और लंबी मंत्रणा की थी इसीलिए कर राजनीतिक गलियारे में नई प्रकार की चर्चा को जन्म दिया
कर्नाटक में जिस प्रकार से कांग्रेस ने अपने बेहतर प्रदर्शन को भले ही ना दिखा पाया हो लेकिन वह सत्ता में BJP को काबिज होने से रोकने में सफल रही है अब्बू सरकार की मुख्य पार्टनर के रुप में है ऐसे में स्वभाविक है कि जज जेडीएस नेता कुमार स्वामी कर शपथ ग्रहण है तो अहमियत सबसे ज्यादा कांग्रेस की ही थी कांग्रेसी नेता सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं की मौजूदगी में यह संकेत है कि आम चुनाव में सभी मोदी के खिलाफ इस प्रकार हो सकते हैं शपथ समारोह सभी की निगाहें नेताओं पर थी मंच पर मौजूद उत्तर प्रदेश के नेताओं का आवागमन हो रहा था तो सभी ने एक दूसरे से फ्री है कि जोश के साथ हाथ मिलाया जब बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोनिया गांधी का अभिवादन किया तो वह काफी देर तक उनका हाथ थामे रहे इतना ही नहीं दोनों के बीच काफी देर तक मंत्रणा हुई
राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि सोनिया और मायावती की पिक्चर आने वाले समय में रिश्तो की उस कड़वाहट को मिठास में बदलने का मौका दिया है जिसमें उत्तर प्रदेश में सपा के साथ जाने से भाजपा व कांग्रेस के बीच दूरी पैदा हो रही है
यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान राहुल गांधी को सौंपने के बाद मार्च 2018 में बीजेपी के खिलाफ गठबंधन को मजबूत करने के मकसद से कई विपक्षी पार्टियों के नेताओं को डिनर पर आमंत्रित किया था. इसमें विपक्ष के करीब 20 दलों के नेता उपस्थित हुए थे, लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इसमें खुद शामिल न होकर अपनी पार्टी के नेताओं को भेजा था. लेकिन कर्नाटक में नजारा कुछ अलग ही दिखा.