आर्थिक सर्वे- जीडीपी दर 7% रहने का अनुमान, ऐसी रहेगी तस्वीर

नई दिल्ली 4 जुलाई . गुरुवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया . वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण में आर्थिक सर्वे को ऊपरी सदन राज्यसभा में पेश किया. सर्वेक्षण को देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने तैयार किया है . सर्वे में जीडीपी दर 7% रहने का अनुमान है.

आर्थिक सर्वे में कहा यह है कि वित्त वर्ष 2018 19 में वित्तीय घाटे में कमी आई है . यह जीडीपी के 5.8% रहा , जबकि इसके पिछले साल यह 6.4% था . आर्थिक सर्वे के अनुसार भारत को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनना है, तो लगातार जीडीपी में आठ प्रतिशत की ग्रोथ रफ्तार हासिल करनी होगी।

सर्वे में कहा गया है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति उपायों से लोन के ब्याज दरों में कटौती करने में मदद मिलेगी। इसी तरह निवेश दर में जो कमी आ रही थी , वह भी अब लगता है कि रुक जाएगी । जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट पर आर्थिक सर्वे में कहा गया कि चुनावी संबंधी अनिश्चितता की वजह से हुआ।

वित्त वर्ष 2019-20 में तेल के दाम में कटौती होने का अनुमान है।
समीक्षा में 2018-19 में राजकोषीय घाटा बढ़कर 3.4 फीसदी पर पहुंच जाने का अनुमान है। अंतरिम बजट में भी राजकोषीय घाटा 3.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था।
आर्थिक सर्वेक्षण कहा गया कि सरकार की नीतियों से एफडीआई पर प्रतिबंध बदलने की उम्मीद है।
इसके साथ ही सर्वे में कहा गया कि ग्रामीण वेतन वृद्धि, जो कम हो गई थी, वो साल 2018 के मध्य से बढ़ने लगी है।
आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि वैश्विक ग्रोथ रेट कम होने और व्यापार पर बढ़ती अनिश्चितता का असर निर्यात पर देखने को मिल सकता है।

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