आशाराम के राजदारो के बारे मे जानिये, क्या करते थे

जोधपुर 25अप्रैलः बापू आशाराम के  राजदार ऐसे है,जिन्हांेने यौन शोषण के मामले मे बापू की काफी मदद की। आज कोर्ट से दोषी करार दिये जाने के बाद पूरे राजस्थान, अहदाबाद सहित अन्य शहर मंे एलर्ट है। बापू के कुछ भक्त हिरासत मे भी लिये गये हैं। आश्रम ने साधकांे से शान्ति बनाये रखने की अपील की है।

चारों सह आरोपियों की भूमिका

1- हॉस्टल वार्डन शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता

भूमिका: भूत-प्रेत का भय दिखाया. छात्रा को दुष्प्रेरित कर आसाराम के पास भेजा.

2- हॉस्टल संचालक शरदचन्द्र उर्फ शरतचन्द्र

भूमिका: बीमारी का पता चलने पर भी इलाज नहीं कराया. पूरी रात अनुष्ठान कराया. आसाराम को ही एकमात्र उपचारकर्ता मानने पर मजबूर किया.

3- प्रमुख सेवादार शिवा उर्फ सेवाराम

भूमिका: छात्रा को शाहजहांपुरा से दिल्ली और दिल्ली से जोधपुर बुलाया. जोधपुर के मणाई आश्रम में आसाराम से मिलाने की व्यवस्था की थी.

4- रसोइया प्रकाश द्विवेदी

भूमिका: शरद, शिल्पी, शिवा और आसाराम के बीच मध्यस्थ बना. छात्रा के परिजनों को जाने का कहकर छात्रा के अकेली रहने की स्थिति पैदा की थी.

जोधपुर सेशन कोर्ट में चला केस

पुलिस ने आसाराम के खिलाफ आईपीसी की धारा 370(4), 342, 376, 354-ए, 506, 509/34, जेजे एक्ट 23 व 26 और पोक्सो एक्ट की धारा 8 के तहत केस दर्ज किया था. इसके बाद 31 अगस्त 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. जोधपुर सेशन कोर्ट में आसाराम के खिलाफ केस चला. इसके बाद कोर्ट ने आरोप तय किए थे.

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