इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट कल फैसला

दिल्ली। इलेक्टोरल बॉन्ड्स की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट कल फैसला सुनाएगा। लोकसभा चुनावों से पहले सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला अहम होने वाला है*।

नाराज़ और परेशान 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों का सीएम आवास के पास हुआ प्रदर्शन*
लखनऊ, अमित, संवादाता/69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की नाराजगी और परेशानी को योगी सरकार समझना नहीं चाहती। हाईकोर्ट में भी सरकार की तरफ से ठीक पैरवी न होने का भी आरोप लगाते हुए, अभ्यर्थियों ने गोल्फ क्लब चौराहे पर फिर प्रदर्शन किया। जिसके बाद हर बार की तरह पुलिस ने अभ्यर्थियों को जबर्दस्ती बस में बिठाकर, ईको गार्डेन पहुंचा दिया।
आपको बता दें शिक्षक भर्ती अभ्यर्थी काफी दिनों से ईको गार्डेन में 6800 पदों पर नियुक्ति के लिए आंदोलन कर रहे हैं और हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से लचर पैरवी करने का आरोप लगाया है। इससे पहले मंगलवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास का भी घेराव किया था। जिसके बाद आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए, उनके आवास की तरफ जा रहे थे, कि हर बार की तरह पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। अभ्यर्थी धरने पर बैठ गए और हर बार की तरह उनकी पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हो हुई। कुछ महिला अभ्यर्थी छोटे बच्चे भी लेकर आई थीं। पर कोई सुवाई नही हुई। ऐसा लगता है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार ना तो इनका दुख और परेशानी समझ में आती है और ना ही इनके बच्चों एवं परिवार की मजबूरी समझ में आती है। ये सरकार का कैसा रवैया है?
अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि “हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई में ठीक से पैरवी न करके उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे विजय प्रताप ने कहा कि “6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सूची आए दो साल होने को है, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं मिली है। इसे लेकर अभ्यर्थियों में काफी नाराजगी है।
सेवा बहाली के लिए , अब शिक्षक रामलला से याचना करेंगे। उत्तर प्रदेश माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति 16 फरवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम की शरण में जाकर सेवा बहाली की याचना करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित अपना प्रत्यावेदन मंदिर के मुख्य पुजारी को देंगे।
समिति के संरक्षक रमेश प्रताप सिंह ने कहा कि “लगभग दो वर्षों से भारतीय जनता पार्टी के सभी मंत्री, विधायक, सांसदों से अपनी सेवा सुरक्षा के लिए याचना कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में अब हमने प्रभु श्रीराम की शरण में जाने का निर्णय लिया है। तदर्थ शिक्षकों को नौ नवंबर 2023 को शासनादेश के माध्यम से 17 महीने का शेष वेतन देते हुए हमारी सेवाएं समाप्त कर दी गई थीं।
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मंत्री, बीजेपी विधायकों और बीजेपी सांसदों ने इन शिक्षक की नहीं सुनी है, अयोध्या के रामलला की बात सुनेंगे, या उन्हें भी योगी सरकार यही कहेगी आप वही करिए, जो हम चाहते हैं और आप की हम नही, हमारी आप सुनें?

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