कुमार रवि
लखनउ 5 अप्रैलः गठबंधन धर्म निभाना काई अखिलेश यादव से सीखे। उप चुनाव मे हुये सपा-बसपा गठबंधन को आगे जारी रखने के लिये अखिलेश यादव एक बार फिर से नयी पहल करने जा रहे है। यह राज्यसभा चुनाव मंे बसपा को लगे झटके से उबारने के लिये है। माना जा रहा है कि सपा अपने खाते से विधान परिषद की एक सीट बसपा को दे सकती है।
विधान परिषद चुनाव के लिए नौ अप्रैल से नामांकन प्रारंभ होंगे। सपा-बसपा के बीच राज्यसभा चुनाव व विधान परिषद चुनाव को लेकर आपसी सहमति बनी थी। तय हुआ था कि सपा राज्यसभा चुनाव में बसपा के उम्मीदवार को अपने अतिरिक्त वोट देंगी। इसके बदले बसपा विधान परिषद चुनाव में सपा का समर्थन करेगी।
राज्यसभा चुनाव में सपा ने अतिरिक्त वोट बसपा को दिया, लेकिन उसका प्रत्याशी चुनाव हार गया। इस पर मायावती ने कहा था कि यदि वह अखिलेश यादव की जगह होतीं तो पहले बसपा प्रत्याशी को चुनाव जिताती। बसपा सुप्रीमो के यह कहने के बाद से अटकलें लगाई जा रही हैं कि राज्यसभा में बसपा की हार का बदला सपा उसे विधान परिषद की एक सीट देकर चुकाएगी।