उरई(जालौन)। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार होता है,गावों को ओ.डी.एफ. किया जा रहा है लेकिन यह सब हवा हवाई दिखता है, जब ओ.डी.एफ. जिला व गावं की हजारों महिलाएं अपने हाथ में अपना शौचालय निर्माण करवाने हेतु जिला मुख्यालय आकर जिलाधिकारी से खुद पूछे की साहब ! मेरा शौचालय कब बनेगा ? तो ये कैसा ओ.डी.एफ है?
आज जिले के सैकड़ों गावं की हजारों महिलाओं ने बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्रित होकर “जन पंचायत” की जहाँ पर जिले के ओ.डी.एफ गावं व स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) की जमीनी हकीकत स्टडी रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया, जिसने ओ.डी.एफ की पूरी पोल खोल दी ! बुंदेलखंड दलित अधिकार मंच दुवारा जनपद के दो ब्लॉक महेवा व कदौरा में गावं गावं जाकर एक स्टडी किया जिसमे ओ.डी.एफ. गावं व स्वच्छ भारत मिशन(ग्रामीण) की हकीकत को जाना की गावं में आज भी 50 प्रतिशत घरों में भी शौचालय पूर्ण रूप से नहीं बने, ज्यादातर घरों के सामने सिर्फ गड्ढे खुदे हुए अधूरे निर्माण के शौचालय पड़े हुए है ?यहाँ तक की मरगायां,मंगरोल जैसे दर्जनों गांव में आज भी शुष्क शौचालय बने है जहाँ पर रोज बाल्मीकि समुदाय की दलित महिलाएं हाथ से मैला ढ़ोने का कार्य करती है!
सैकड़ों गावं की महिलाओं ने आज अपने अपने शौचालय निर्माण करवाने हेतु 1576 से अधिक आवेदन जिलाधिकारी कार्यलय में सोंप गुहार लगाई की साहब ! मेरा शौचालय कब बनेगा.