उरई । कोतवाली क्षेत्र में एक सप्ताह पहले हुई हत्या के मामले में पुलिस की गहरी छानबीन के चलते जहाँ वारदात की वास्तविकता उजागर करके असली आरोपित को दबोच लिया गया वहीं मृतक के परिजनों द्वारा करायी गई गलत नामजदगी के कारण 5 बेगुनाहों को जेल जाने से बचा लिया गया । पुलिस अधीक्षक ने इस जटिल मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने वाली पुलिस टीम को प्रोत्साहन के लिए 15 हजार रुपये का नकद इनाम दिया ।
गौरतलब है कि गत 22 अक्टूबर को रात लगभग 10 बजे कुइया से करमेर बम्बी रोड पर अज्ञात व्यक्ति की हत्या की सूचना पुलिस को दी गई थी जिसकी पहचान बाद में उरई के मोहल्ला तुफ़ैलपुरवा निवासी भोला उर्फ बृजमोहन यादव के रूप में हुई थी । मृतक ने घटनास्थल के पास बटाई पर एक खेत जोत रखा था जिसके विवाद में उसकी हत्या बताते हुए मृतक की पत्नी ने मोहल्ले के ही सौरभ , उसकी माँ रेखा , नूरदीन और मौखरी गाँव निवासी नंदू यादव व मोहल्ला जयप्रकाश नगर कोंच निवासी जीतू यादव को नामजद कराया था ।
पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने सोमवार को पुलिस लाइन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि पुलिस ने जब बारीकी से मौका मुआयना किया तो वारदात के पीछे रंजिश की बजाय लूट का कारण ज्यादा सही लगा । इसी लाइन पर छानबीन आगे बढ़ते हुए पुलिस आखिर में कुइया रोड निवासी आरोपित मो. चाँद उर्फ लल्लू तक पहुँच गई । उसे पकड़ने के बाद पुलिस ने जब उससे कड़ाई से पूंछताछ की तो उसने असलियत कबूल दी । उसने बताया कि वह पिछले डेढ़ वर्ष से गुजरात में एक कंपनी काम कर रहा था । गत 4 अक्टूबर को उसे वहां से वापस लौटना पड़ा । नौकरी ख़त्म हो जाने के कारण वह खर्च के लिए परेशान था जिसके चलते लूट करते समय उसने भोला की हत्या कर दी । पत्रकार वार्ता में अपर पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र नाथ तिवारी भी मौजूदथे । पुलिस अधीक्षक ने सही खुलासे के लिए कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक रुद्र कुमार सिंह और उनकी टीम को 15 हजार रुपए का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की ।
