उरई। एट देश विदेश में अपनी रामकथा से प्रसिद्ध हुए कथावाचक ने अपने द्वारा लिखी गई किताब राष्ट्रपति को देकर और माता जानकी के चित्र के बारे में उनको जानकारी दी। राष्ट्रपति ने उनकी कथा को सराहा।
जालौन के डकोर ब्लॉक की ग्राम पंचायत पचोखरा में जन्मे स्वामी राजेश्वरानंद राजेश रामायणी अपनी रामकथा का लोहा देश के साथ विदेशों में भी मनवाया है।
उनकी रामकथा सुनने के लिए लोग आज भी तरसते हैं जहां भी उनकी कथा होती है तो लोग उनकी कथा सुनने के लिए बड़े ध्यान से मन लगाकर सुनते हैं।
इसी क्रम में उन्होंने माता राम जानकी पर एक किताब लिख कर दिल्ली में जाकर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को राजभवन में जाकर मुलाकात के उपरांत अपने द्वारा लिखी गई पुस्तक भेंट की और साथ में उनको रामकथा भी सुनाई।
रामकथा सुनकर इतने गदगद हुए कि उन्होंने किसी दिन पूरे विस्तार से रामकथा सुनने के लिए उनके गांव आने का आश्वासन भी देते हुए कहा कि अगर मौका मिला तो इस रामकथा का रसपान अवश्य करेंगे। बाद में पचोखरा के ग्राम प्रधान गुरुप्रसाद ने भी अपने जिले के विकास के लिए कहा तो उन्होंने गुरुप्रसाद शर्मा को आश्वसन दिया कि जनपद जालौन के विकास के लिए हरसंभव मदद की जाएगी।