उरई 3 अप्रैलः लेखपाल के पुत्र की गोली मारने की घटना को लेकर चर्चा है। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया।
उरई में जेल के सामने रहने वाले लेखपाल संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष कैलाश यादव को उनके पुत्र श्याम जी यादव ने गोली मार दी। इससे उनकी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार श्यामजी यादव ने एक के बाद एक तीन फायर किये। जिससे कैलाश यादव घायल होकर जमीन पर गिर पड़े, उनको परिजनों ने खून से लथपथ पड़ा पाया। सूचना पाकर पहुंची डायल 100 व कोतवाली पुलिस एवं सीओ मौके पर पहुंच गए और फॉरेंसिंक टीम को बुला लिया गया।
कोतवाली थाना क्षेत्र में जेल के पास रहने वाले कैलाश यादव लेखपाल संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष भी थे। उनके दो पुत्र हैं। परिजनों का कहना है कि उनका एक पत्र श्यामजी यादव गलत सोहबत में था। वह लगातार पिता से रुपयों की मांग करता था और उसकी मांग बढ़ती जा रही थीं। पिछले दिनों उसकी जिद पर मां ने रुपए देकर बाइक खरीदी थी। इस पर कैलाश का अपनी पत्नी और बेटे श्यामजी से विवाद हुआ था। संभवत: इसी विवाद के चलते श्यामजी ने अपने पिता कैलाश यादव को उन्हीं की लाइसेंसी राइफल से तीन गोलियां मार दीं। इससे वह मौके पर ही ढेर हो गए और उनकी मौत हो गई।
तीन शस्त्र लाइसेंस थे कैलाश के नाम पर
मृतक लेखपाल कैलाश यादव के नाम पर राइफल, रिवाल्वर व डीबीबीएल का लाइसेंस था। इन लाइसेंसी हथियारों को लेकर घूमना, सोने की मोटी जंजीर पहनकर दोस्तों में रुआब दिखाना भी हत्यारे श्यामजी के शौक में शामिल था। कुछ ऐसे ही शौक कैलाश यादव के भी थे। वह भी सोने की जंजीर और हाथों में सोने का ब्रेसलेट व अंगूठियां पहनकर जलवानशीं होते थे।
सूचना मिलते ही पहुंचे पुलिस अधिकारी
लेखपाल कैलाश यादव की मौत की सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र नाथ तिवारी, सीओ संतोष व कोतवाली प्रभारी मौके पर पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्र किए। एएसपी ने उनके बड़े बेटे रामजी यादव से घटना के संबंध में जानकारी ली। एएसपी का कहना है कि हत्यारे की तलाश के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। जल्दी ही उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।