झांसीः लोकतंत्र मे यदि किसी की सच्चाई उजागर करो, तो वह तिलमिला उठता है। जबकि राजनीति कहती है कि आलोचना और सच्चाई से हमेशा जुड़े रहो। भाजपाईयो को सत्ता का ऐसा नशा चढ़ा है कि वो जमीन पर आने को तैयार नहीं है। उनका बस नहीं चल रहा वर्ना अपने खिलाफ बोलने वालो को सरेआम गोली मार दे । गरौठा विधायक की खबर छपने के बाद बिलबिलाए उनके चंद समर्थक फेसबुक पर अभद्र भाष का प्रयोग करने से नहीं चूक रहे।
कहते है कि शालीनता और समझदार इंसान ही तरक्की की राह अपना पाता है। राजनीति मे आने वालो को तो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिये। इन दिनो भाजपा को उसके अपने ही डूबोने पर आमादा है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे बारे मे अखबारो , टीवी चैनल्स मे तमाम तरह की आलेाचनाएं होती हैं। मैंने सभी आलोचनाओ और खबरो को हमेशा पाजीटिव लिया। मैं यदि नाराज होता, तो आज इस मुकाम तक नहीं पहुच पाता। भाजपा अध्यक्ष तो अपने मुकाम पर पहुंचने के बाद पार्टी को उंचाईयो पर ले जाने में जुटे हैं, वहीं भाजपाई अमित शाह के प्रयासो को मिटटी मे मिल दंेगे।
झांसी जनपद मे गरौठा विधानसभा सीट है। इस पर वर्तमान मे जवाहर लाल राजपूत विजयी हुये हैं। उन्हे किसान नेता कहा जाता है। इसमे कोई संदेह नहीं कि वो जमीन से जुड़े नेता है, लेकिन नेताओ की कमियां या गलतियो को उजागर करने का काम अखबारो का होता है। बीते रोज चिरगांव थाने मे हुये घटनाक्रम को अखबरो ने प्रकाशित किया। यह समाचार फेसबुक पर भी डाला गयां। यह समाचार आज अखबार मे भी प्रकाशित हुआ। समाचार देखने के बाद तो जैसे कथित भाजपाईयो ने अपनी औकात दिखाना शुरू कर दिया। सीधे गाली गलौज पर उतर आये। अभद्र भाषा का उपयोग करते हुये फेसबुक पर कमंेट किया, जो नीचे दर्शाया गया है।
यहां सवाल यह नहीं कि ऐसे कथित भाजपाई पार्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या मर्यादा का पाठ पढ़ाने वाली भाजपा के बड़े नेता ऐसे लोगो को कुछ सिखाएंगे? भाजपाईयो की ऐसी करतूत के कारण ही गौरी लंकेश जैसे मामले दूसरे मामलो से जोड़कर देखे जाने लगते हैं। यह भी लगने लगता है कि क्या भाजपाई भी हिंसा का रास्ता अपनाने को बेताव हैं?
Dharmendra Bhargav · 26 mutual friends
चूतिया न्यूज रिपोर्टरों की न्यूज कोई नहीं पड़ता है
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