और जब धरना प्रदर्शन में सपाइयों की स्थिति गड़बड़ाने लगी

झांसी । एक लंबे अंतराल के बाद सड़क पर आए समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं में धरना प्रदर्शन को लेकर उत्साह और उहापोह दोनों ही देखने को नजर आया।

कलेक्ट्रेट में जमा हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में हर पल जोश में रहकर नजर आ जाता था, तो प्रदर्शन में मौजूद राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह यादव समेत कई बड़े नेता तस्वीरों में खुद को बेवस पाते हुए भी नजर आए।

तस्वीरों में इन नेताओं के चेहरे में उदासीनता,बेबसी, हंसी ठिठोली और वार्तालाप की स्थिति साफ देखी जा सकती हैं।

एक मुस्लिम चेहरा तो प्रदर्शन के दौरान सर पर हाथ रख कर बैठ गया।
शायद नेताओं को मौसम बदलने के साथ खुद को इन हालातों में ढाल पाना मुश्किल लग रहा था। वह गर्मी को अपने जोश में तब्दील नहीं कर पा रहे थे। बोलने की क्षमता भी शायद मौसम के असर के कारण कम नजर आई।

नारी जरूर सरकारों के खिलाफ लग रहे थे, लेकिन नेताओं का जोश इन नारों को हवा देने में सहायक नहीं बन पाया । यू कहा जा सकता है कि यह धरना प्रदर्शन नेताओं के जमावड़े को दिखाने भर तक सीमित रह गया।

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होने के बाद सपाइयों का यह पहला प्रदर्शन था। जाहिर है कि अभी संयुक्त रूप से आवाज उठाने की आदत नहीं है, सो सपा का वजूद और नेताओं को अपने चेहरे दिखाने का मौका इस प्रदर्शन के जरिए जरूर मिल गया।

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