नई दिल्ली 17अप्रैलः चुनाव मे धुंआधार प्रचार के लिये पहचाने जाने वाली भाजपा के सामने कांग्रेस ने कनार्टका चुनाव मे नया रणनीति बनायी है। इसमे प्रत्याशी का चेहरा ही ब्रांड बनाया जाएगा। प्रचार मे स्टार प्रचारक की जगह प्रत्याशी ही मुख्य केन्द्र होगा। यानि रैली भले की राहुल या किसी अन्य प्रचारक की हो, लेकिन चेहरा प्रत्याशी का केन्द्र मे रहेगा। कांग्रेस इस रणनीति से बीजेपी की वनमैन शो वाली रणनीति यानि मोदी ब्रांड पर सीधा प्रहार करना चाहती है।
कांग्रेस के लिये कनार्टका का चुनाव बेहद अहम है। अब तक ओपिनियन पोल मे जो संकेत आये है, उसमे त्रिशंकु सरकार बनने की बात कही जा रही है। ऐसे मे कांग्रेस के प्रचार सेल ने नयी रणनीति को अंतिम समय मे सामने रखा है।
कांग्रेस की इस रणनीति के पीछे एक कारण यह भी कहा जा रहा है कि चुनाव मे पैसे के खर्च पर भी नियंत्रण बना रहेगा।
उम्मीदवारों के लिए अधिकतम चुनावी खर्च की सीमा 28 लाख रुपए रखी है. ऐसे में कांग्रेस की ओर से ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि उम्मीदवार को रिसर्च/डेटा/मेनिफेस्टो/प्रचार रणनीति पर अधिक खर्च नहीं करना पड़े. पार्टी ने इसके लिए अपने सभी विभागों को पूरी तरह एक्टिव मोड में रहने के लिए कहा है
कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के प्रमुख राजीव गौड़ा कहते हैं, ‘हमने हर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से रिसर्च डाटा इकट्ठा किया है. अब पार्टी के हर उम्मीदवार को उसके क्षेत्र के हिसाब से तुलनात्मक विश्लेषण मुहैया कराया जा रहा है जिससे कि वे बीजेपी के झूठों को तथ्यों के साथ काट सकें.’
युवाओं पर फोकस
कांग्रेस अध्यक्ष के नाते राहुल के नेतृत्व में पार्टी ये पहला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है. जाहिर है चुनाव की तैयारियों में राहुल की अलग छाप भी देखने को मिल रही है. इस बार कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं, युवाओं, कांग्रेस के फ्रंटल संगठनों से जुड़े लोगों को ज्यादा टिकट दिए हैं. कांग्रेस के 24 उम्मीदवार 25 से 40 साल की उम्र के बीच के हैं. वहीं 49 उम्मीदवार 41-50 वर्ष आयु वर्ग से हैं.