नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ईडी की ओर से गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अर्जी वापस ले ली है. उनकी ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि वह अर्जी वापस लेते हैं क्योंकि आज ही उनकी रिमांड पर भी सुनवाई होनी है. सिंघवी ने जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच को बताया कि आज ही रिमांड पर बहस होनी है. हम उसमें ही अपना पक्ष रखेंगे. कानूनी जानकारों का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि पहले निचली अदालत में ही पक्ष रखना ठीक होगा. वहां यदि झटका लगता है तो फिर वापस सुप्रीम कोर्ट आ जाएंगे. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट जैसे ब्रह्मस्त्र का पहले ही इस्तेमाल करना ठीक नहीं होगा.
इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय की ओर से अरविंद केजरीवाल की 10 दिनों की हिरासत मांगी जा सकती है. सूत्रों का कहना है कि एजेंसी कहेगी कि कई लोगों ने शराब घोटाले के मामले में अरविंद केजरीवाल का नाम लिया है. ऐसे में उनका आमना-सामना कराया जाएगा और पूरे मामले की जानकारी ली जाएगी. ईडी की ओर से कोर्ट में कुछ तकनीकी सबूत भी सौंपे जा सकते हैं और उन्हें दिखाकर ही केजरीवाल की हिरासत मांगी जाएगी. इस बीच जानकारी मिली है कि अरविंद केजरीवाल ईडी की गिरफ्त में आने से पहले ही डिनर करके आए थे. उन्होंने ईडी की हिरासत में रात को कुछ भी नहीं खाया.
ईडी को केजरीवाल के घर पर छापेमारी में कई अहम दस्तावेज मिले हैं. सूत्रों का कहना है कि इन दस्तावेजों से पता चला है कि केजरीवाल दरअसल ईडी अधिकारियों की जासूसी कर रहे थे. केजरीवाल के घर पर छापेमारी में बरामद दस्तावेजों में ईडी के दो बड़े अधिकारियों के नाम और पूरे पते के साथ उनके परिवारों का भी पूरा ब्योरा मिला है. कहा जा रहा है कि आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी पहली बार आम आदमी पार्टी के खिलाफ सबूत पेश करेगी. ईडी का कहना है कि शराब घोटाले का पैसा गोवा में इस्तेमाल किया गया. ईडी ने इस संबंध में गोवा में चुनाव लड़ने वाले आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों के बयान भी दर्ज किए हैं. इन उम्मीदवारों का कहना है कि उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कैश दिया गया था. एजेंसी का आरोप है कि ये वही पैसा है, जो पार्टी को शराब घोटाले में मिला था.
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