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कोंच: नमामि गंगे की इंजीनियरिंग का कमाल, नई पाइप लाइन में नहीं आ रहा पानी

*पीडी रिछारिया, हरिश्चंद्र तिवारी, राहुल राठौर*

*कोंच (जालौन)।* नमामि गंगे की इंजीनियरिंग का जबर्दस्त कमाल देखने में आया है, कस्बे के एक इलाके में नई डाली गई पाइप लाइन में पानी ही नहीं आ रहा है जिससे उस इलाके में पिछले पांच महीने से गंभीर पेयजल संकट छाया हुआ है। भीषण गर्मी के मौसम में पानी जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे वार्ड नंबर 5 की दर्जनों महिलाओं के सब्र का बांध मंगलवार को टूट गया और उन्होंने सड़क पर आकर अपनी व्यथा सुनाई। महिलाओं ने एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर समस्या का निदान कराए जाने की गुहार लगाई है।
भगतसिंह नगर निवासी दर्जनों लोगों ने मंगलवार को एसडीएम सुशील कुमार सिंह को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मोहल्ले में हर घर नल योजना के तहत पेयजल की पाइप लाइन डाली गई थी लेकिन उस पाइप लाइन में पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है। इस समस्या की शिकायत कई बार नगर पालिका प्रशासन को लिखित रूप से की गई है लेकिन कोई सुनवाई अब तक नहीं हो सकी है। यह स्थिति पिछले करीब पांच माह से है लेकिन एक महीना पहले से तो गंभीर जल संकट से लोग जूझ रहे हैं। करीब तीन सौ मीटर दूरी पर स्थित सरकारी हैंडपंप पर घर गृहस्थी का काम छोड़कर तड़के से ही घंटों लाइन में खड़े रहकर पानी भरना पड़ रहा है। जितना पानी भर पाते हैं वह परिवार के लिए नाकाफी साबित होता है। इन लोगों ने एसडीएम से समस्या का निराकरण कराए जाने की मांग की है। इस संबंध में एसडीएम का कहना है कि नगर पालिका ईओ पवन किशोर मौर्य को व्यवस्था सुधारने के निर्देश दे दिए गए हैं। इस दौरान नसीमा, जुबैदा, हमीदन, खातून, आमना, नजमा, अनीता, विनोद, फैसल, गुलशन, जाहिद, इसरार, जैद आदि रहे।

*नातियों से मिन्नतें कर भरवा रहे हैं पानी*

_*कोंच।* कस्बे के भगतसिंह नगर निवासी दिव्यांग सेवरानी का कहना है कि मोहल्ले में पानी की भारी किल्लत है। सभी लोग परेशान हैं, कोई सुनने वाला नहीं है। आस पास एक भी सरकारी हैंडपंप नहीं है। उन्होंने बताया कि रोजाना पानी के लिए सुबह 4 बजे उठकर वह अपने नातियों को जगाती हैं और उनसे मिन्नतें कर पानी भरवाती हैं।_

*आंख खुलते ही पानी के लिए भागते हैं बुजुर्ग दंपत्ति*

_*कोंच।* मंगलवार को एसडीएम को ज्ञापन देने आई भगतसिंह नगर की निवासी जुबैदा खातून बताती हैं कि पानी के लिए सुबह 4-5 बजे आंख खुलते ही वह पानी भरने के लिए अपने पति शहीद अहमद के साथ घर से दूर खेड़ा चौराहे के लिए निकल पड़ती हैं और दोनों लोग बड़ी मुश्किल में दिन भर के लिए पानी भर पाते हैं। जिम्मेदार अधिकारियों को हम लोगों की गंभीर समस्या पर ध्यान देना चाहिए।_

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