नई दिल्ली 27 फरवरीः देश मे बीजेपी के लगातार बढ़ रहे ग्राफ के बीच कांग्रेस के सामने पूर्वोत्तर राज्य मेघालय और मिजोरम मे अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। बीजेपी यदि इन दो राज्य मे कांग्रेस को परास्त कर देती है, तो उसका कांग्रेस मुक्त का अभियान लगभग पूरा हो जाएगा।
कांग्रेस और बीजेपी के लिये दोनो राज्य क्यो अहम है। इसको लेकर कुछ कारण माने जा रहे हैं।
मेघालय में कांग्रेस पिछले 10 साल से सरकार में है. ऐसे में सत्ता को बरकरार रखने की बड़ी चुनौती है.
पूर्वोत्तर में कांग्रेस के पास सिर्फ दो राज्य बचे हैं. इनमें मिजोरम और मेघालय है. मेघालय का चुनाव हो रहे हैं और इसी साल के आखिर में मिजोरम विधानसभा चुनाव हैं.
नगालैंड में 15 साल तक कांग्रेस की सरकार रही है, लेकिन आज अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है. ऐसे कांग्रेस ने सिर्फ 18 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
बीजेपी ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ नारे को लेकर चल रही है, ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए पूर्वोत्तर काफी महत्व वाला चुनाव माना जा रहा है.
बीजेपी पूर्वोत्तर में एक के बाद एक राज्य में अपना पैर पसारती जा रही है. ऐसे में ये राज्य काफी अहमियत रखते हैं.
असम, मणिपुर और अरुणाचल के बाद बीजेपी की नजर मेघालय, नगालैंड और त्रिपुरा पर नजर है. जिसे बीजेपी जीतने की पूरी कोशिश में लगी है.
बीजेपी के लिए सिर्फ चुनावी सत्ता की जीत नहीं बल्कि वैचारिक रूप से भी जीत होगी. इसीलिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दिया है.
मेघालय में, मुख्यमंत्री मुकुल संगमा दो मोर्चों पर संघर्ष कर रहे हैं – पार्टी में आंतरिक असंतोष और बीजेपी से बाहरी चुनौती का सामना.
मेघालय जहां ईसाई बाहुल्य क्षेत्र है, तो वहीं नगालैंड आदिवासी बाहुल्य.ऐसे में बीजेपी के लिए विपरीत हालत में जीत मिलती है तो काफी महत्वपूर्ण है.
पूर्वोत्तर में कांग्रेस के जनाधार में बीजेपी लगातार सेंधमारी करने में जुटी है. ऐसे में कांग्रेस को जहां अपना वजूद बचाए रखने के लिए जीतना अहम है तो वहीं बीजेपी के लिए अपने जनाधार को बढ़ाने की चुनौती है.