नई दिल्ली 20 जुलाईः जिस प्रकार से आज सदन मे अविश्वास प्रस्ताव पर राहुल गांधी ने राफेल डील को लेकर सवाल उठाया और उसके बाद फ्रांस सरकार का जवाब आया, उससे लगता है कि राहुल गांधी राफेल डील पर सरकार को घेरने मे कामयाब हो गये? यानि 2019 के चुनाव मे राफेल डील बोफोर्स की तरह मुददा बन सकता है?
राफेल के सौदे पर कहा गया कि फ्रांस-हिंदुस्तान की सरकार के बीच सीक्रेसी पैक्ट है. मैं फ्रांस के राष्ट्रपति से मिला. मैंने सवाल पूछा पैक्ट के बारे में तो उन्होंने कहा- ऐसा कोई पैक्ट नहीं है. ये सच्चाई है. उन्होंने मुझे बताया, आप ये बात पूरे हिंदुस्तान को बताइए.
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हिंदुस्तान के पीएम के दबाव में आकर निर्मला सीतारमण जी ने राफेल डील पर देश से झूठ बोला है. किसकी मदद हो रही है, क्यों हो रही है, आप देश को बताइए.
पीएम के कारोबारियों के साथ कैसे रिश्ते हैं, ये सब जानते हैं. उन्हीं में से एक शख्स को राफेल डील दी गई. HAL से डील वापस लेकर उस कारोबारी को दिया गया. उस कारोबारी को 45 हजार करोड़ का फायदा पहुंचाया.
कांग्रेस की पूरी कोशिश है कि किसी प्रकार राफेल डील को लेकर सरकार जवाब दे। वैसे फ्रांस ने साफ कर दिया है कि गोपनीयता के आधार पर डील हुयी थी। इसको लेकर राहुल गांधी ने कह दिया कि फ्रांस सरकार कुछ भी कहे, लेकिन डील को सार्वजनिक किया जाए।
जानकार मान रहे है कि राहुल गांधी राफेल डील को बीजेपी के लिये सिरदर्द करने वाला मुददा बना रहे हैं। इस डील के पीछे के तथ्य सार्वजनिक होने से सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं राहुल गांधी इस डील पर लगातार सवाल उठाकर इसे देश के सामने रखने को बेताब हैं।
ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस राफेल डील को बोफोर्स तोप की तरह बड़ा मुददा बनाना चाहती है? क्या एनडीए सरकार इस मुददे पर घिर जाएगी? क्या मोदी इस मामले मे सफाई देकर इसे हल्का कर सकेगे?