राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भारत के राष्ट्रपति से मिलने के लिए I.N.D.I.A. गठबंधन के फ्लोर नेताओं और 21 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।
उन्होंने मणिपुर का मुद्दा उठाने के लिए भारत के राष्ट्रपति से मुलाकात का समय मांगा है।
New Delhi…
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को मणिपुर में हुई घटना को बंगाल और राजस्थान जैसी घटनाओं के बराबर रखने की मांग करते हुए सुनवाई की कोशिश की गयी ! यह कोशिश एक हस्तक्षेप आवेदन में बीजेपी की स्वर्गीय नेत्री सुषमा स्वराज की वकील पुत्री बांसुरी स्वराज द्वारा की गयी.
सुप्रीम कोर्ट ने बांसुरी स्वराज के जवाब में कहा कि हम महिलाओं के खिलाफ मणिपुर की घटना को यह कहकर उचित नहीं ठहरा सकते कि ऐसी ही घटनाएं बंगाल में हुई हैं. बांसुरी ने अपनी दलील में कहा था कि पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में भीड़ ने महिलाओं को नग्न कर घुमाया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को टिप्पणी की कि मणिपुर में दो महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटना को अन्य राज्यों में इसी तरह की घटनाओं को उजागर करके उचित नहीं ठहराया जा सकता है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने यह टिप्पणी वकील बांसुरी स्वराज के जवाब में की, जिसमें उन्होंने कहा था कि पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में भीड़ ने महिलाओं को नग्न कर घुमाया था और उन घटनाओं को भी मणिपुर की घटना के साथ शीर्ष अदालत द्वारा उठाया जाना चाहिए.
न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि वह मणिपुर में सांप्रदायिक और जातीय हिंसा के संदर्भ में महिलाओं के खिलाफ अत्यधिक हिंसा के मुद्दे से निपट रहा है.
इसने स्वीकार किया कि पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया गया कि मणिपुर की स्थिति अलग है और इसे अन्य घटनाओं से तुलना करके उचित नहीं ठहराया जा सकता है.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम सांप्रदायिक हिंसा में महिलाओं के खिलाफ अभूतपूर्व पैमाने पर हिंसा से निपट रहे हैं. इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि बंगाल में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध हो रहे हैं. लेकिन यहां मामला अलग है. मणिपुर में जो कुछ हुआ उसे हम यह कहकर उचित नहीं ठहरा सकते कि ऐसा और कहीं हुआ.”
पीठ मणिपुर में हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न कर घुमाया था.
” बार एंड बेंच” की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक हस्तक्षेप आवेदन में उपस्थित वकील स्वराज ने अदालत से पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की इसी तरह की घटनाओं को उठाने के लिए कहा.
शीर्ष अदालत ने पिछले हफ्ते हाल ही में ऑनलाइन सामने आए एक वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया था, जिसमें कुकी जनजाति की दो मणिपुरी महिलाओं को नग्न परेड करते और उनके साथ छेड़छाड़ करते देखा गया था.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की थी कि कोर्ट इससे बहुत परेशान है और अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो वह कार्रवाई करेगी.
केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को शीर्ष अदालत को सूचित किया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) उस मामले की जांच करेगी, और अनुरोध किया कि मुकदमा मणिपुर के बाहर स्थानांतरित किया जाए…
हमने साइबर धोखाधड़ी के आरोप में 24 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। वह सांसदों और विधायकों की सूची ऑनलाइन जांचता था और उनके कार्यालयों में फोन करता था और खुद को एक पीएसयू बैंक का वरिष्ठ महाप्रबंधक बताता था और कहता था कि नौकरियां उपलब्ध हैं और लोगों के फोन नंबर की तलाश करता था। बाद में वह इंटरव्यू लेता था और फिर उनसे 25,000-30,000 रुपए लूट लेता था और बाद में अपना फोन बंद कर देता था। हमने उसके पास से सिम कार्ड, मोबाइल फोन और डेबिट कार्ड के साथ 1,16,000 रुपये जब्त किए हैं। आगे की जांच जारी है: सागर सिंह कलसी, डीसीपी, उत्तरी जिला