गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि के केस में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार किया

अहमदाबाद, गुजरात. गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि के केस में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

सूरत के कोर्ट ने मोदी सरनेम पर बयान को लेकर दो साल की सजा सुनाई थी. इसके चलते उनकी संसद सदस्यता चली गई है.
राहुल गांधी के पास अब सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बचा है…

Update… अहमदाबाद । राहुल गांधी की याचिका ख़ारिज करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के जजों ने कहा –

“राहुल गांधी के ख़िलाफ़ कम से कम दस आपराधिक मामले लंबित हैं”.
“मौजूदा मामले के बाद उनके ख़िलाफ़ और मामले भी दर्ज़ हुए हैं”.
“वीर सावरकर के पोते ने भी उनके ख़िलाफ़ मामला दायर किया है”..

*Smt Priyanka Gandhi’s Tweet*

“समर शेष है, जनगंगा को खुल कर लहराने दो
शिखरों को डूबने और मुकुटों को बह जाने दो
पथरीली ऊँची जमीन है? तो उसको तोड़ेंगे
समतल पीटे बिना समर की भूमि नहीं छोड़ेंगे
समर शेष है, चलो ज्योतियों के बरसाते तीर
खण्ड-खण्ड हो गिरे विषमता की काली जंजीर”

श्री राहुल गांधी जी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए।

अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट: सब अपना रही है।

लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है।

इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं।

सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।

जय हिंद।

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