चंद्र ग्रहण के सूतक काल में कैसी सावधानी बरतें

नई दिल्ली 27 जुलाई आज रात को होने वाले सदी के सबसे बड़े चंद्रग्रहण को लेकर सभी में उत्सुकता है । ज्योतिषियों का मानना है कि यह चंद्रग्रहण सभी का सबसे बड़ा ग्रहण है।  इस ग्रहण के दौरान सूतक काल में कैसी सावधानियां बरती जानी चाहिए । इसको लेकर ज्योतिष आचार्यों का अपना मत है । हम आपको सूतक काल के दौरान सावधानियां बरती जाने के बारे में बता रहे हैं।

ग्रहण 3 घंटा 55 मिनट का है. ग्रहण का स्पर्श काल रात्रि 11: 54 मिनट पर, मध्य काल रात्रि 1:52 पर एवं मोक्ष काल रात्रि 3: 49 मिनट पर है. चंद्र ग्रहण का सूतक काल दिन में  2:54 पर लग जाएगा. जो भी शुभ कार्य हो, वह सभी कार्य सूतक काल से पूर्व ही कर लेना श्रेयस्कर होता है, क्योंकि आज के दिन ही गुरु पूर्णिमा भी है. अतः सभी लोग गुरु पूर्णिमा के निमित्त जो भी धार्मिक क्रियाएं करते हैं, वह सूतक काल के पहले अर्थात 2:54 मिनट के अंदर ही धार्मिक कार्य कर लें.

ग्रहण के दौरान अत्यधिक शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक श्रम से बचें. विशेषतः विद्यार्थियों और पेशेवरों को इस दौरान सहज रहने की सलाह दी जाती है. गृहिणियों को भी घरेलू कार्यों में परिश्रम से बचना चाहिए. ज्योतिष अरुणेश कुमार शर्मा का कहना है कि सभी धार्मिक कार्य सूतक से पहले या ग्रहण के बाद करें.

सूतक के समय भोजन आदि ग्रहण नहीं करना चाहिए. ग्रहण से पहले ही जिस पात्र में पीने का पानी रखते हों उसमें कुशा और तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए. कुशा और तुलसी में ग्रहण के समय पर्यावरण में फैल रहे जीवाणुओं को संग्रहित करने की अद्भुत शक्ति होती है.

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