रायपुर5: *छत्तीसगढ़ के बीजापुर में मुठभेड़, तीन नक्सली हुए ढेर।
*हाथी के डर से बैगा परिवार ने पेड़ में टांगे अनाज एवं दैनिक सामग्री*
अनूपपुर (मध्य प्रदेश राजेश शिवहरे)12 जनवरी/निरंतर दो वर्षों से अनेको वार छत्तीसगढ़ राज्य से आने वाले हाथियों के समूह द्वारा वन परिक्षेत्र,थाना एवं तहसील जैतहरी अंतर्गत ग्राम पंचायत क्योटार के राजस्व ग्राम कुसुमहाई अंतर्गत पाड़ाडोंल टोला में बैगा एवं गोंड जनजाति समाज के दो परिवार हाथियों के द्वारा निरंतर दो वर्षों के मध्य किए जा रहे नुकसान से भयभीत होने एवं डर के कारण अपने अनाज एवं दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्रियों को घर के पास स्थित महुआ के पेड़ में रस्सी के सहारे टांग कर रखे हैं।
विदित है कि विगत दो वर्षों के मध्य छत्तीसगढ़ राज्य से मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिला अंतर्गत थाना,तहसील एवं वन परिक्षेत्र जैतहरी सहित जिले के अन्य हिस्सों में एक,तीन,पांच एवं दो की संख्या में हाथियों का समूह विचरण करते हुए आहार की तलाश में पहुंच जाता है जो हर बार धनगवां बीट के जंगल से गुजरते हुए आने तथा जाने के समय ग्राम पंचायत क्योटार के राजस्व ग्राम कुशमहाई अंतर्गत पाडाडोल मोहल्ला जो जंगल एवं राजस्व भूमि के मध्य स्थित है में एक बैगा परिवार एवं एक गोंड परिवार ईट वाले कच्चा मकान बनाकर खेती-बाड़ी एवं मजदूरी का काम कर जीवकोपार्जन करते है जिसमें विगत कई वर्षों पूर्व अनूपपुर तहसील एवं जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत धुरवासिन के बैगानटोला से आए धनुहार बैगा जनजातीय के देवलाल पिता स्व,बाबूलाल बैगा एवं लालबहादुर सिंह पिता दादूराम सिंह गोंड के यहां मकानो में तोड़फोड़ कर मकान के अंदर रखें विभिन्न तरह के खाने-पीने की सामग्रियों को खा जाते हैं जिससे निरंतर परेशान दोनों परिवार अपने अनाजों एवं दैनिक उपयोग की सामग्रियों को बचाने के उद्देश्य से घर के पास स्थित महुआ के पेड़ में अनाज एवं दैनिक उपयोग की सामग्रियों को रस्सी के सहारे पेड़ के ऊपर टांग कर रख कर बचाने की कोशिश कर रहे हैं हाथियों द्वारा दो वर्षों के मध्य इन दोनों ग्रामीणों के ईंट,मिट्टी से बने घरों में चार वार तोड़फोड़ कर नुकसान करने पर प्रशासन द्वारा देवलाल बैगा को एक बार सहायता राशि मात्र दी जबकि लालबहादुर सिंह गोंड के चार बार निरंतर तोड़े गए घर का मुआवजा की राशि वर्तमान समय तक नहीं मिलने से भटक रहा है माना जा रहा है कि विगत 20 दिनों से छत्तीसगढ़ राज्य से आए दो प्रवासी नर हाथी जब भी वापस जाएंगे तो उसी रास्ते का उपयोग करते हुए फिर से उनके घरों में तोड़फोड़ कर सकते हैं इस कारण डर एवं भय के चलते दोनों ने अपने सामानों को पेड़ में टांग रखा है हाथियों के निरंतर विचरण एवं तोड़फोड़ करने से आहत दोनों ग्रामीणों के पास अब तक प्रशासन एवं जिले का जिम्मेदार कोई भी जनपतिनिधि देखने-सुनने तक नहीं पहुंचा है।
आज रविवार की सुबह विपत्तिग्रस्त परिवार की सूचना मिलने पर जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक/सामाजिक कार्यकर्ता शशिधर अग्रवाल जिले की वरिष्ठ पत्रकार विजय उरर्मलिया के साथ स्थल पर पहुंचकर हाथियों से पीड़ित दोनों परिवार से मिलकर उनकी मजबूरी को सुना तथा जाना है जिला प्रशासन से ग्रामीणों ने हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।