नई दिल्ली 19 जून जम्मू कश्मीर में गठबंधन की सरकार बीजेपी के समर्थन वापसी के बाद धड़ाम हो गई है इस मामले में सबसे अहम बात यह है कि बीजेपी के समर्थन वापसी का फैसला अंतिम समय तक भाजपा अध्यक्ष अमित शाहअपने दिमाग में रखे रहे और किसी को यह भनक तक नहीं लगने दी किस सरकार गिराने का निर्णय लेने जा रहे हैं।
दरअसल जब आज सुबह अमित शाह का डोभाल के साथ राजनीतिक परिस्थितियों पर चिंतन हुआ , उसके पहले जम्मू कश्मीर राज्य BJP इकाई की नेताओं और मंत्रियों को सोमवार की रात में केवल यह फरमान देकर दिल्ली बुलाया गया था की आवश्यक परामर्श किया जाना है ।
अमित शाह की गोपनीयता की खासियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज बीजेपी के रविंद्र रैना अपने बयान में यह कहते रहे कि 2019 के चुनाव को लेकर बैठक बुलाई गई है।
अमित शाह की चाल
दूसरी ओर, सूत्रों के अनुसार गठबंधन में बड़ा दरार उस समय आता दिखा जब पीडीपी की ओर से दबाव डाला जा रहा था कि अलगाववादियों से बातचीत की जाए, जबकि बीजेपी इसके लिए राजी नहीं थी. बीजेपी का मानना था कि अलगाववादियों से बातचीत करने का अब कोई मौका नहीं बचा है. पिछले कुछ दिनों में घाटी में लगातार बढ़ रही वारदात के बाद माना जा रहा था कि केंद्र कुछ बड़ा और साहसिक कदम उठा सकता है.
फिलहाल जो भी हो, बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व इस फैसले के ऐलान से पहले इसकी गोपनीयता बनाए रखने में कामयाब रहा, हालांकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत कई लोगों को शाह ने अपने इस चाल से सभी को चौंका भी दिया.