नई दिल्ली 25 अप्रैलः उप्र के शाहजहांपुर की नाबालिग दलित लड़की के यौन शोषण के मामले मे पिछले चार साल से जेल मंे बंद आशाराम बापू ने अपने को बचाने के लिये तरह-तरह के हथकंड़ अपनाये।
आशाराम ने वकील बदले, नर्स बदली, तबियत का बहाना लिया। वो लगातार गवाहांे पर हमले कराता रहा।
आसाराम के खिलाफ रेप का पहला केस दर्ज होने के बाद सूरत से दो सगी बहनों ने भी हिम्मत दिखाई. दोनों बहनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया. यह मामला अभी अहमदाबाद कोर्ट में चल रहा है. इनमें से एक बहन के पति पर 28 फरवरी, 2014 को जानलेवा हमला हुआ. मुश्किल से उसकी जान बची.सूरत की दोनों बहनों से ही जुड़े मामले में अहम गवाह राकेश पटेल पर 10 मार्च, 2014 को कुछ बाइक सवार गुंडों ने घातक हमला किया जो. बाद में पता चला कि हमलावर आसाराम के ही भक्त थे. हमले में राकेश पटेल मरते-मरते बचे.