लखनउ 7 मईः सत्ता मे रहने का सुख पाने वाले झांसी विधायक रवि शर्मा की कुंडली मे मंत्री पद का योग है या नहीं? इसको लेकर काफी चर्चा होती है। रवि के प्रशंसक उन्हे मंत्री बनते देखना चाहते हैं। नाम सामने आता है, लेकिन मंत्री नहीं बन पाते। ऐसा क्या है कि रवि मंत्री बनने की संभावनाओ के बीच अचानक धरातल पर आ जाते?
वैसे रवि शर्मा के बारे मे नगर मे कई प्रकार की चर्चा हैं। कुछ लोग उन्हे मिलनसार नेता मानते हैं, तो कुछ केवल नाम का विधायक। आम आदमी से दूर रहने का आरोप भी रवि पर लगता है, लेकिन इसके बाद भी वो जनता के बीच लोकप्रियता मे अव्वल है यानि जनता से जुड़ाव नहीं होने की बात चंद लोगो की सोच मानी जा सकती है।
प्रदेश मे योगी सरकार के गठन के बाद यह संभावना प्रबल थी कि बुन्देलखण्ड को प्रतिनिधित्व मिलने की दशा मे रवि शर्मा का नाम सबसे उपर रहेगा। रवि का नाम ही चलता रहा और बाजी मार ले गये मनोहर लाल पंत। अचानक रवि का नाम सरक कर नीचे आ गया। ऐसा क्यो हुआ?
इसको लेकर अंदर की बात सामने आयी है। सूत्र बताते है कि रवि शर्मा के मंत्री बनने के योग मे सांसद उमा भारती के साथ उनका तालमेल ठीक ना होना माना जा रहा है।
इसके उदाहरण कई बार देखने को मिले। बीते दिनो जब उमा भारती झांसी पहुंची। इस दिन प्रभारी मंत्री मोती सिंह भी झांसी थे। विधायक रवि शर्मा पूरे दिन मोती सिंह के साथ रहे। सूत्र बताते है कि उमा भारती के प्रोग्राम को लेकर विधायक की ओर से पहल भी की गयी, लेकिन सांसद खेमे से कुछ जवाब नहीं आया।
दरअसल, सांसद खेमे मे विधायक राजीव सिंह पारीछा और संजीव ऋंगीऋषि की जुगलबंदी रवि को सांसद उमा भारती से रिश्ते अच्छे करने मे सबसे बड़ी बाधा माने जा रहे हैं। यह आरोप पार्टी के लोग लगा रहे हैं। ऐसे मे कहा जा रहा है कि 2019 के आम चुनाव मे जब उमा भारती दोबारा जनता के बीच जाएंगी, तब वो रवि शर्मा के मंत्री बनने का समर्थन कर सकती हैं। बिना उमा के समर्थन के रवि क्यो मंत्री नहीं बन सकते, इसको लेकर भी कहानी है।
योगी सरकार इस बात को अच्छी तरह जानती है कि उमा भारती इतनी जल्दी रवि शर्मा के नाम पर राजी नहीं होगी। यही कारण है कि रवि को प्रभारी मंत्री मोती सिंह का साथ देकर उन्हे मंत्री जैसी हैसियत प्रदान की गयी है। रवि और उमा के बीच तनातनी किस बात पर है, यह किसी की समझ मे नहीं आ रहा।
जबकि लोकसभा चुनाव मे उमा भारती ने खुद रवि को मंत्री बनाने के लिये पुरजोर समर्थन किया था। यहां रवि की कुंडली मे राजयोग मंत्री पद तभी दिला सकेगा, जब उन्हे अपनो से आशीर्वाद मिले या….!