जालौन में यूआईडी देने में कंपकंपा रहे हाथ, रिपोर्ट- अवनीत गुर्जर

जालौन : दिव्यांगजनों को यूआइडी (विशिष्ट पहचान संख्या) देकर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की मंशा पर स्वास्थ्य विभाग खुद पानी फेर रहा है। आवेदन की तुलना में यूआइडी जारी होने की रफ्तार बेहद सुस्त है। यह खुलासा जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी से हुआ।
आंकड़े भी दे रहे गवाही
आरटीआइ से मांगी गई जानकारी में सीएमओ डॉ. अल्पना बरतारिया ने बताया है कि अभी तक 1508 यूआइडी जारी किए गए हैं। वैसे 4346 दिव्यांगजनों ने आवेदन किया था, इनमें 1979 आवेदन विकलांग प्रमाणपत्र लगे होने के बाद भी निरस्त कर दिए गए। 859 आवेदन पत्रों की जांच काफी समय से लंबित है। आंकड़े गवाह हैं कि यूआइडी देने में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के हाथ कंपकंपा रहे हैं।

यह है योजना

दिव्यांगजनों को मिलने वाली सुविधाओं में फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए यूआइडी कार्ड को प्रमुखता दी गई है। भविष्य में इसी कार्ड के जरिए सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। इसके लिए सीएमओ कार्यालय से जारी विकलांग प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
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संपर्क न करने पर आवेदन निरस्त करने का आरोप

दिव्यांगजन ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं। मगर, सीएमओ कार्यालय जांच के नाम पर आवेदनों को लटकाए रहता है। कुछ आवेदकों ने नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि जो कार्यालय जाकर संपर्क नहीं करता, उसके आवेदन पत्र खामियां निकाल निरस्त कर दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि शिकायत का निस्तारण लंबित है।
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इस तरह करें आवेदन
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से विकलांग प्रमाण पत्र बनवाएं। इसके आधार पर कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर  साइड पर ऑनलाइन आवेदन करें।

 

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