कुठौंद-उरई । सत्तारूढ़ पार्टी के हैवीवेट जन प्रतिनिधि के वरदहस्त के कारण मिट्टी माफिया को सरेआम पकड़े जाने के वाबजूद खनन विभाग से क्लीनचिट मिल गई जिसके कारण मौके से जब्त किए गए वाहन पूरी सलामती के साथ उसे वापस हो गए । क्षेत्रीय जनता में इसे ले कर आक्रोश देखा जा रहा है ।
गौरतलब है कि कुठीला निवासी मिट्टी माफिया की करतूत गत दिनों उप जिलाधिकारी जालौन भैंरपाल सिंह के सामने ही उजागर हो गई थी । जिस पर उन्होने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी । बाद में कुठौंद पुलिस ने प्रधान और ग्रामीणों की शिकायत पर नाहिली में बांध के पास उसके द्वारा कराये जा रहे अवैध खनन को रंगे हाथो पकड़ कर मौके पर मिली जेसीबी और ट्रैक्टर सीज कर दिये थे । लेकिन हैवीवेट नेता की सिफारिश और मोटी रकम का फील गुड करके खनन विभाग ने एस डी एम और पुलिस की आँखों देखी नकारते हुए रिपोर्ट लगा दी कि मिट्टी के अवैध खनन का कोई प्रमाण नहीं मिला है । इसके कारण मिट्टी माफिया की बल्ले –बल्ले हो गई और वह अपनी जे सी बी व ट्रैक्टर सही सलामत वापस लेने में सफल हो गया । गौर करने वाली बात यह भी है कि नाहिली के जिस खेत के समतलीकरण की आड़ में खनन किया जा रहा था उसमें 4-5 फीट तक की गहराई के रूप में अभी भी खनन के निशान मौजूद हैं
इतना ही नहीं खनन विभाग की ही मिलीभगत से विजुआपुर, रोमई आदि गाँवों के तीर पर यमुना से धड़ल्ले से रेत उठा कर 5 हजार रुपये ट्रैक्टर के हिसाब से बेंची जा रही है । योगी सरकार की छवि धूमिल करने में जनपद का खनिज विभाग अग्रणी साबित हो रहा है ।