• ध्वजारोहण,घटयात्रा, मण्डप उद्घाटन,वेदी शुद्धि के साथ संपन्न हुए मांगलिक कार्य
• मुनिश्री अविचलसागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में प्रारंभ हुआ पंचकल्याणक महोत्सव
• प्रतिष्ठाचार्य जय निशांत भैयाजी, सह-प्रतिष्ठाचार्य मनीष जैन संजू का हुआ सम्मान
• जहां से आत्मा की यात्रा प्रारंभ हो वह है घटयात्रा: मुनिश्री अविचलसागर
झांसी:- नगर के सुप्राचीन जैन तीर्थस्थल करगुंवा जी में पूज्य मुनिश्री अविचलसागर की महाराज के मंगल सानिध्य में श्री पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के तत्त्वाधान में जिनेन्द्र देव को साक्षी मानकर गुरु आज्ञा से पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के प्रथम दिन घटयात्रा,ध्वजारोहण, मण्डप उद्घाटन,वेदी शुद्धि सहित समस्त मांगलिक कार्य संपन्न हुए। इस अवसर पर प्रतिष्ठाचार्य जय निशांत भैया जी एवम् सह-प्रतिष्ठाचार्य मनीष जैन संजू का सम्मान किया गया। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अविचलसागर जी महाराज ने कहा कि जहां से आत्मा की यात्रा प्रारंभ हो जाए वह घटयात्रा होती है। सामान्य रूप से मिट्टी के घड़े को घट कहा जाता है लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मा को घट कहा जाता है। उन्होंने में आगे कहा कि पाषाण से परमात्मा बनने की इस पंचकल्याणक महोत्सव में ध्वजारोहण के वक्त ध्वजा का मुख पूर्व दिशा की ओर गई जो इस आयोजन सहित प्राणी मात्र के जीवों के लिए कल्याण का कारण सिद्ध होगा। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के महानगर जिलाध्यक्ष हेमन्त परिहार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित रहे जिनका सम्मान तिलक लगाकर माला पहनाकर पंचायत संवैधानिक अध्यक्ष अजित कुमार जैन (बीड़ी वाले), मुख्य संयोजक संजय सिंघई,राजीव जैन सिर्स, वरुण जैन,सौरभ जैन सर्वज्ञ,राजकुमार भण्डारी,विनोद जैन ठेकेदार,अशोक जैन रतनसेल्स,सुभाष जैन सत्यराज,देवेश जैन केडी,निशांत जैन,नितिन जैन,मनोज सिंघई,संदीप जैन कुक्कू ,शुभम जैन जैरी,दिव्यांश जैन,आग्रह जैन ने किया। इसके पूर्व श्रीमति मंजू – इंजी हुकुमचंद जैन ने ध्वजारोहण एवम् , श्रीमति कल्पना – शांतकुमार, श्रीमति रश्मि-सनी जैन चैनू ने अयोध्यानगरी मण्डप उद्घाटन किया। श्रीमति अंजलि-राजीव जैन सिर्स एवं कैलाश जैन वर्धमान ने मंच उद्घाटन किया। इस अवसर पर सौधर्म इन्द्र- श्रीमति कमल-वीरेन्द्र कुमार जैन (सेवानिवृत आई.एफ.एस.), धनपति कुबेर इन्द्र- श्रीमति रुचि-डॉ निर्देश जैन (कार्डियोलॉजिस्ट), महायज्ञनायक- श्रीमति राशि-राजेश जैन (पूर्व सभासद), प्रथम यज्ञनायक- श्रीमति दीपाली-विशाल सिंघई, द्वितीय यज्ञनायक- श्रीमति पुष्पा-रिषभ कुमार जैन, ईशान इन्द्र- श्रीमति सुनीता-राजीव जैन शिवाजी, सानतकुमार इन्द्र- श्रीमति ज्योति-सुमत जैन सीए, माहेन्द्र इन्द्र- श्रीमति आयुषी-डॉ अर्पित जैन, कापिष्ठ इन्द्र- श्रीमति नीतू बृजेंद्र मोदी, महाशुक इन्द्र- श्रीमति शोभना- सुबोध जैन, शातार इन्द्र- श्रीमति सुनीता-तरुण जैन, सहस्रार इन्द्र- श्रीमति राखी-संजय ड्योडिया, आणत इन्द्र श्रीमति दीप्ति-नरेश जैन मल्लन, महामंडलेश्वर डॉ सिद्धार्थ जैन, मंडलेश्वर श्रीमति सृष्टि-सलिल जैन चिरगांव, राजा श्रेयांश- श्रीमति सरोज-राकेश चौधरी बरुआसागर, विशिष्ट इन्द्र श्रीमति रजनी-सुनील जैन, शिखर कलश पुण्यार्जक- श्रीमति मंजू-इंजी.हुकुमचंद जैन, कुम्भ कलश स्थापनकर्ता- श्रीमति कल्पना-डॉ आर.बी.जैन, विशिष्ट इन्द्र- श्रीमति सुषमा-प्रदीप जैन छतरपुर, प्रमिला जैन नगरा, मूर्ति प्रदाता- डॉ ज्योति-विकास जैन सहित भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आगामी कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महोत्सव समिति के प्रचार प्रसार संयोजक सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि सोमवार 11 दिसम्बर को भगवान का गर्भकल्याणक के पूर्व रूप की मांगलिक क्रियाएं संपन्न होगी। प्रातः 6:40 बजे से श्रीजी का नित्यनियम अभिषेक,शांतिधारा,जिनबिम्ब स्थापना,सकलीकरण,इंद्र प्रतिष्ठा,पूजन होगी। प्रातः 9:30 बजे मुनिश्री अविचलसागर जी महाराज के मंगल प्रवचन प्रातः 10:30 बजे नांदी विधान, दोपहर 1 बजे यागमण्डल विधान, सांय 7 बजे मंगल आरती, रात्रि 8:30 बजे से इंद्र दरबार,तत्व चर्चा,कुबेर इंद्र द्वारा रत्नवृष्टि,माता मरूदेवी की सेवा एवम् सोलह स्वप्नों के कार्यक्रम दर्शाएं जायेगें। कार्यक्रम का संचालन यश सिंघई एवम् आभार संजय जैन कर्नल ने व्यक्त किया।