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जीएसटिन पर बनी सरकारी कंपनी, चीनी पर सेस एमओएम तय करेगा

नई दिल्ली4 मईः जीएसटी को लेकर हुयी बैठक मे चीनी पर सेस के लिये एमओएम विचार करेगा, जबकि जीएसटिन के लिये कंपनी बनायी गयी है।
परिषद ने कैशलेस लेनदेन करने वाले को दो फीसद छूट का फायदा दिया है। यह छूट अधिकतम सौ रूपये की हो सकती है। गन्ना किसान के लिये महत्वपूण फैसला किया गया है। वहीं जीएसटिन को लेकर कंपनी बनायी गयी है।
वित्तमंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता मे हुयी 27वीं बैठक मे चीनी पर 2 फीसद से को लेकर चर्चा हुयी। बाद मे जेटली ने बताया कि सेस के लेकर मंत्रियांे का समूह विचार करेगा।

इस बैठक में जीएसटीएन को सरकारी कंपनी बना दिया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि केंद्र सरकार 50 फीसदी अपने पास रखेगी. 50 फीसदी राज्य सरकारों के पास संयुक्त रूप से रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्यों के संयुक्त शेयर को यथानुपात में जीएसटी रेश‍ियो के हिसाब से उनके बीच बांट दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मीटिंग में जीएसटीएन के स्वामित्व को लेकर चर्चा हुई. फिलहाल जीएसटीएन का जो मौजूदा ढांचा है. इसमें 49 फीसदी हिस्सेदारी सरकार के पास है. जबक‍ि 51 फीसदी अन्य संस्थानों के पास है. उन्होंने बताया, ‘मैंने सुझाव दिया था कि सरकार को 51 फीसदी की हिस्सेदारी दी जाए. हिस्सेदारी केंद्र और राज्य सरकार के बीच बराबरी में बांट दिया जाए.

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