नई दिल्ली 3 मार्चः पूर्वोत्तर मे तीन राज्यो के आज आये नतीजो मे भाजपा को मिली जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वागत भाषण मे कार्यकर्तओ को कांग्रेस कल्चर से बचना होगा।
कहा कि कई कार्यकर्ताओं ने इस जीत के लिए शहादत दी है, राजनीतिक विचारधारों के कारण हमारे कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया है. भय और भ्रम के बीच हमारी पार्टी ने माओवादी विचार के जुल्म को सहा है, ये लोकतंत्र की ताकत है कि गरीब और अनपढ़ मतदाता ने चोट का जवाब वोट से दिया है. हमारे कार्यकर्ताओं को खोने की पीड़ा जितनी हमें थी, उतनी ही त्रिपुरा के लोगों को भी थी. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा कि आप कांग्रेस कल्चर से दूर रहें.
हार स्वीकार नहीं कर रहे विरोधी
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जय और पराजय स्वाभाविक है, राजनीतिक दलों को विजय को पचाना जरूरी है. अगर रगों में लोकतंत्र है तो हार को भी स्वीकार किया जा सकता है. 2014 से मैं लगातार देख रहा हूं कि जो लोकतंत्र की दुहाई देते रहे हैं, वह पराजय को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. आज भी त्रिपुरा में हार के बाद लेफ्ट का बयान चौंकाने वाला है. विरोधियों के गलत प्रचार के बीच भी लोगों के बीच बीजेपी और भारत सरकार की अच्छाई पहुंच रही है.
तय किया शून्य से शिखर का सफर
पार्टी कार्यकर्ताओं से पीएम मोदी ने कहा कि ये यात्रा NO ONE से WON और शून्य से शिखर तक की है. उन्होंने कहा कि जब सूर्य अस्त होता है तो लाल रंग का होता है और जब उदय होता है तो केसरिया रंग का होता है. कल देश होली के दौरान अलग रंगों से रंगा था, लेकिन आज हर रंग केसरिया रंग हो गया है. उन्होंने कहा कि जो वास्तु शास्त्र वाले लोग होते हैं वो एक मान्यता रखते हैं कि वास्तु शास्त्र के हिसाब से इमारत की जो रचना होती है उसमें नॉर्थ ईस्ट का कोना सबसे महत्वपूर्ण होता है. अगर एक बार नॉर्थ ईस्ट ठीक हो गया तो सबकुछ ठीक हो जाता है. आज देश का नॉर्थ ईस्ट विकास की यात्रा की अगुवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि संगठन की शक्ति के आधार पर और जन संपर्क के माध्यम से हमने इस जीत को कड़ी मेहनत से पाया है. उन्होंने कहा कि बहुत बड़ा नाम, चेहरा और भाषणबाजी करने वाला ही नेता नहीं होता है जो जमीन पर काम करता है वही नेता है. तीनों राज्य के नेताओं ने शानदार काम किया है.
नॉर्थ ईस्ट के लिए काफी काम
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की बीजेपी की चुनी हुई टीम सबसे छोटी आयु की टीम है. ये कमाल हमारी राजनीतिक बाल टीम का है. 2014 के दौरान ही दिल्ली में नॉर्थ ईस्ट के बच्चों के साथ अत्याचार हुआ था, तब राजनाथ सिंह ने नॉर्थ ईस्ट के बच्चों के साथ बैठक की थी. सबसे पहला मैसेज वही था, उसके बाद नॉर्थ ईस्ट के नौजवानों को दिल्ली पुलिस में कोटा दिया गया. नॉर्थ ईस्ट के लोगों को लगता था कि दिल्ली उनसे दूर है. वाजपेयी जी की सरकार ने हर मंत्रालय को 10 फीसदी खर्च नॉर्थ ईस्ट में करने को कहा था, लेकिन बीच में वो बंद हो गया था. अब हमारी सरकार ने इसे दोबारा लागू किया है.