झाँसी। वंदे मातरम के जयकारे लगाते हुए वाहन रैली में जिस जोश और राष्ट्रभक्ति की धारा बहाने में महापौर रामतीर्थ सिंगल सबसे आगे रहे। वहीं जनता की परेशानियों को देखने के बाद भी कोई पहल ना करने में उन्हें किसी प्रकार की शर्म नहीं आती है। शासन-प्रशासन भी ऐसा है कि मोदी और योगी के आगमन पर लाखों रुपए 1 दिन में इंतजाम के लिए लगा देता है, लेकिन बदहाल सड़क पर होते हुए परेशानी झेल रहे लोगों को बिना पैसे से राहत देने के लिए भी समय नहीं है।
बात हो रही है सिपरी बाजार में बन रहे ओवर ब्रिज की संपर्क मार्ग की। रस बहार से पत्थर की टाल तक सड़क की हालत खराब होने और बार-बार शिकायत करने के बाद भी किसी भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी की कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
सड़क के किनारे नाला बनने का काम तेजी से चल रहा है जबकि सड़क पर मिट्टी और गिट्टी के पड़े रहने से बड़े बड़े बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं इस रास्ते से आवास विकास, डेली, रक्स आदि के लिए प्रतिदिन सैकड़ों तिपहिया वाहन और दुपहिया वाहन निकलते हैं ।
इन वाहनों पर सवार लोग इस रास्ते पर चलते हुए खुद को किसी भी समय दुर्घटनाग्रस्त होने के डर के साथ निकलने के लिए मजबूर रहते हैं। बावजूद इसके सड़क पर नगर निगम या प्रशासन की ओर से एक रोलर तक नहीं चल पाया जा सका है ।
लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन सड़क नहीं बना सकता है और जनप्रतिनिधियों को सड़क बनाने के लिए पैसे की कमी नजर आती है तो वह इस सड़क पर रोल ही चलवा दे ताकि सड़क सही हो जाए।
स्थानीय दुकानदार प्रीतम ने बताया कि पुल के दोनों ओर के संपर्क मार्ग की हालत बहुत खराब है कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को इसकी शिकायत की जा चुकी है लेकिन किसी के भी कान पर जूं नहीं रेंग रही है दुकानदार परेशान हैं लोग परेशान हैं इसके बाद भी किसी को इस बात के लिए शर्म नहीं आती कि किस तरह से झांसी के लोग परेशानी उठा रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिक सत्यनारायण का कहना है कि प्रशासन नेताओं की आगमन पर लाखों रुपए खर्च कर देता है । इस सड़क को यदि बनवाया नहीं जा सकता है तो कम से कम रोलर चलाकर एक सा तो किया ही जा सकता है , जिससे गड्ढों से निकलते समय वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने का अंदेशा ना रह जाए।
उन्होंने कहा कि उमा भारती खुद को इस बात के लिए तो निकम्मा कहती है कि वह जनता से नहीं मिल सकी, लेकिन क्या वह जनता की समस्याओं को देखती नहीं है। इतना ही नहीं महापौर जो हर निर्माण को देखने का दावा करते हैं, वह क्या कभी सीपरी बाजार नहीं आए?
युवा शिवम का कहना है कि बात राजनीतिक दलों की नहीं है । यह सभी के लिए परेशानी की बात है । इस समस्या का समाधान ना किसी राजनीतिक दल और ना ही किसी जनप्रतिनिधि की कार्यशैली को लेकर है , बल्कि यह तो उनकी सोच को दर्शाता है जो जनता के लिए बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन उनकी परेशानियों को हल करने के लिए कभी पहल नहीं करते हैं।
बात केवल सीपरी बाजार में स्थित ओवर ब्रिज के संपर्क मार्ग की नहीं है । शहर के अन्य मार्गों का भी यही हाल है । भले ही नगर निगम और जनप्रतिनिधि यह दावा करें कि विकास कार्य चलने से समस्याएं हैं लेकिन इन छोटी-छोटी समस्याओं का समाधान ना होना ही जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है।
देखना यह है कि क्या किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी की कानों में यह खबर अब पहुंचती है और वह समस्या के समाधान के लिए कोई पहल करते हैं या लोग किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार होने के समय का इंतजार करें?
