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झाँसी- ज़िद डॉक्टरों की, जान पर बन रही मरीजों की, रिपोर्ट देवेंद्र एवं रोहित

झांसी। झांसी का मेडिकल कॉलेज एक बार फिर से सुर्खियों में है। बीते रोज एक मरीज की मौत के बाद मचा हंगमा डॉक्टरों की हड़ताल तक जा पहुंचा इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ा और वह परेशान हो रहे हैं
मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों के दवाइयों को लेकर पिछले कई सालों से तनातनी का दौर चलता रहा है हड़ताल और प्रशासन की कार्रवाई अब तक इसे अंजाम पर नहीं पहुंच सकी है आज एक बार फिर से डॉक्टरों ने अपने हड़ताल रुपया तैयार को उठाकर रवैया को हटीला साबित करने में कोई कसर नही छोड़ी।
डॉक्टरों की बात अब खेल प्रशासन के पाले में आ गई है यह देखना यह दिलचस्प होगा कि क्या प्रशासन डॉक्टरों के दबाव में आता है या फिर मामले को दूरगामी सुखद परिणाम में बदलने की कोई पहल करता है।

बताते चलें कि पिछले दिनों झांसी मेडिकल कालेज में सल्फास के मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। जिसमें मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया था। जिस पर जूनियर डॉक्टरों ने मृतक के परिजनों के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। जिसमें जूनियर डॉक्टरों ने उल्टा मृतक के परिजनों पर आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की। डॉक्टरों के दबाव में आकर पुलिस ने मृतक के परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।

जब इसकी जानकारी हुई कि मृतक के परिजनों को हुई तो उनके समर्थन में कुछ दिन पहले झांसी के इलाईट चौराहे पर धरना प्रर्दशन करते हुए मामला दर्ज कराने की मांग की थी। जिस पर प्रशासन ने मृतक के परिजनों को कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
इधर जब इसकी जानकारी जूनियर डॉक्टरों को हुई तो उन्होंने एक बार फिर प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए हड़ताल शुरु कर दी है। जिस कारण मेडिकल कालेज में इलाज कराने आने वाले मरीज परेशान होने लगे। वह इलाज के लिए कभी इस अस्पताल तो कभी उस अस्पताल के लिए भटक रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों की मांग की है उनके साथ मारपीट करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाये और उन्हें सुरक्षा दी जाये। अब देखना यह है कि प्रशासन क्या फिर से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल के दबाव में आता है या फिर निष्पक्ष कारवाही होती है।

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