झाँसी। झांसी ललितपुर संसदीय सीट का चुनावी मैदान सजा हुआ है ।
सभी दलों के प्रत्याशी मैदान मारने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन कांग्रेस और जन अधिकार पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी शिव शरण कुशवाहा के कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारी खुद को उत्साहित महसूस नहीं कर पा रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने झांसी सीट के लिए जन अधिकार पार्टी से गठबंधन किया है । जन अधिकार पार्टी के पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के खाते से पार्टी के पास जाने के बाद कहां जा रहा है कि कांग्रेस ने चुनाव में मैदान में जंग लगने से पहले ही सरेंडर कर दिया है। इसकी बानगी चुनाव में देखने को मिल रही है। कार्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ है।
पार्टी कार्यकर्ताओं से लेकर पदाधिकारी अपने आप को प्रचार में समाहित नहीं कर पा रहे हैं । कोई पदाधिकारी पड़ोस में मोर्चा संभाले हुए हैं , तो कोई व्यस्तता का हवाला देकर भाग रहा है।
एसे में पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता मनीराम कुशवाहा पार्टी प्रत्याशी कुशवाहा के उहापोह वाले निर्णय का शिकार हो रहे हैं । उनके पास जिम्मेदारियों का बोझ है , लेकिन जिम्मेदारी संचालन करने के लिए जेब खाली है।
कार्यकर्ता से लेकर प्रचार के लिए पेट्रोल की कमी उनकी खाली जेब को लोगों से दूरियां बनाने के लिए मजबूर कर रही हैं । यहां सवाल उठ रहा है कि यदि चुनाव प्रचार करने वाले के पास ही खर्चा नहीं होगा, तो पार्टी को कैसे जीत के मुहाने पर ले जा सकेगा । यहाँ ये देखना होगा कि मनीराम एवम दूसरे पदाधिकारी कैसे अपने दम पर पार्टी को जीत के पर ले जाने में सफल होते हैं ? या फिर पार्टी की तरह सरेंडर करना पड़ेगा। ये तो 23 मई को होने वाली मतगणना के बाद ही पता चल सकेगा।