झाँसी। कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार कर रही है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में पार्टी के एक पूर्व नेता ने चुनाव से पहले संभावित उम्मीदवार का विरोध करना शुरू कर दिया है। पिछले चुनाव तक उसी उम्मीदवार के साथ कदमताल करते हुए चुनाव प्रचार में नजर आने वाले इस नेता के अचानक हृदय परिवर्तन को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
मीडिया से बात करते हुए कांग्रेसी नेता रणजीत सिंह जूदेव ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करने के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को टिकट देने के लिए पार्टी आलाकमान से बोला है।
उन्होंने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए लोकसभा चुनाव न लड़ने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी कहती है, तो वह गंगा भी उठा रहे है कि चुनाव नहीं लड़ेंगे।
रणजीत सिंह जूदेव ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य का विरोध करते हुए कहा कि जो अपनी नगर निगम के चुनाव में जमानत नहीं बचा सका उसे अब चुनाव में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को उम्मीदवार नहीं बनाना चाहिए । यदि पार्टी उन्हें झांसी-ललितपुर लोकसभा से उम्मीदवार बनाती है, तो वह इस लोकसभा में प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे। बल्कि जालौन-गरौठा-भोगनीपुर लोकसभा में जाकर प्रचार प्रसार करेंगे, क्योंकि उनकी विधानसभा दूसरी लोकसभा में आती है |
उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रिंयका गांधी और सोनिया गांधी को झांसी-ललितपुर लोकसभा से अन्य उम्मीदवारों के नाम सौंपे हैं, जिनमें सुंधाशु त्रिपाठी, राहुल रिछारिया, भानू सहाय और राजेन्द्र सिंह यादव शामिल है। यदि इन्हें टिकट मिलता है तो वह पार्टी के प्रत्याशी जीत दिलाने के लिए पूरी मेहनत करेंगे । यदि जमानत जब्त वाले को मिलता है तो वह इस लोकसभा से कोई मेहनत नहीं करेंगे।
एक सवाल का जबाब देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को नौजवानों को आगे लाना चाहिए। क्योंकि आज जनता नौजवानों को पंसद करती है। यदि ऐसा होता है तो कांग्रेस पार्टी को 2022 विधानसभा चुनाव में इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच रंजीत सिंह के अचानक हुए हृदय परिवर्तन को लेकर कांग्रेस में ही सवाल उठने लगे हैं । टिकट की दौड़ में शामिल नेताओं का कहना है कि वह किसी का विरोध नहीं कर रहे हैं । सभी अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं । ऐसे में सार्वजनिक मंच से किसी व्यक्ति विशेष का विरोध करना ठीक नहीं है।
आपको बता दें कि रंजीत सिंह पिछले कई चुनावों में प्रदीप जैन के प्रचार के लिए मैदान में नजर आ चुके हैं। अब उन्हें प्रदीप जैन की उम्मीदवारी को लेकर क्या शिकवा शिकायत है यह उन्होंने साफ नहीं किया है ।
ऐसे में कांग्रेसी ही सवाल उठा रहे है क्या पार्टी के अंदर गुटबाजी को हवा देने के लिए रणजीत सिंह जूदेव ने माहौल बनाने का प्रयास किया है?