झाँसी। इन दिनों सूर्य देवता कहर बरपा रहे हैं, तो अधिकारी अपनी लापरवाही पर व्यवस्थाओं की कमी की आड़ लेकर पब्लिक की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहै हैं। ऐसे में कई घरों में प्यास ने व्याकुलता को चरम पर पहुंचा दिया है। जनता की व्याकुलता में मदद के लिए चारों ओर से माननीयों से गुहार लगाई जा रही है ।
कमाल तो अपने देखिए शहर में माननीयों की कमी नहीं है, लेकिन मसीहा बनने में सिर्फ महापौर रामतीर्थ सिंघल ही दो कदम आगे बढ़े। बाकी अखबारों में सुर्खियों बन रही समस्याओं को नजरों से देखने के बाद भी ऐसे नकार रहे हैं, जैसे इन लोगों ने उन्हें माननीय बनने में सहयोग ही ना किया हो।
बैसे नगर में जल संकट की समस्या को लेकर विधायक रवि शर्मा पिछले काफी समय से प्रयास कर रहे थे। विधानसभा से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने और कागजी कार्रवाई को पूरा करने के बाद अमृत योजना धरातल पर लाने में सफल हुए।
उन्हें ऐसा लगा जैसे उन्होंने इस सफलता के बाद गंगा नहा ली हो। कागजों में अमृत योजना स्वीकृत हैं, तो विधायक वाहवाही की सारी मालाएं गले में डाल कर खुद को विजेता घोषित करते हुए बंगले में कैद हो गए।
मौसम के साथ अब सूर्य देवता ने अपना प्रचंड रूप धारण कर लिया है। इस दरमियान लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया, तो विधायक रवि शर्मा प्रत्याशी के लिए गलियों में भटके, लेकिन जब प्यासे कंठ लोगों ने उनसे अमृत मांगा, तो विधायक माथे से निकलते पसीने को पोछते हुए मुस्कुराकर सिर्फ एक ही शब्द बोले- एक बार फिर मोदी सरकार।
माननीयों की इस अदा पर जनता केवल मन मसोसकर रह गई। शहर के अधिकांश इलाकों में पानी के लिए लोग परेशान हैं । ऐसे में सिविल लाइन जैसे इलाके में पिछले 10 दिनों से पानी नहीं है । जब इस मामले में महापौर रामतीर्थ ने अधिकारियों के साथ बैठक की, तो मामला कुछ और ही निकला ।
पता चला कि इस इलाके की पाइपलाइन को अधिकारियों में दूसरे इलाके से जुड़ने के लिए काट दिया था । अब इसी जोड़ने के लिए फिर से प्रयास करने की बात की जा रही है । वैसे नगर में जल संकट के निदान के लिए जब महापौर ने अधिकारियों से रास्ता निकालने की बात की, तो उन्होंने टका सा जवाब दिया कि धन ही नहीं है, तो संसाधन कहां से जुटा दें ।
कर्मचारियों के घर चलाने को पैसा नहीं है। जो पैसा सरकार से आया वह कई महीनों से आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए बांट दिया गया।
आपको बता दें कि नगर विधायक रवि शर्मा जिस अमृत योजना को झांसी शहर के लिए स्वीकृत करा कर लाए हैं वह करोड़ों रुपए की है । जाहिर है कि करोड़ रुपए की योजना का पैसा सरकार धीरे-धीरे ही जारी करेगी । इसमें समस्याएं भी हैं । मसलन, चुनाव, सरकारी मशीनरी और सरकार की मंशा। इसके बाद राजनीतिक मजबूरियां।
विधायक रवि शर्मा जिस समय अमृत योजना को स्वीकृत करा कर वाहवाही लूटने के लिए अखबारों में सुर्खियां बने थे । क्या वह जनता को यह नहीं बता सकते कि योजना कितने कदम आगे बढ़ी और उसमें परेशानियां क्या है ?
वैसे इस अमृत से फिलहाल किसी को जीवनदान मिलने की कोई संभावना दूर-दूर तक नजर नहीं आती है । कारण बहुत साफ है। स्थाई समाधान के लिए कोई प्रयास भी किए जाएं , तो आचार संहिता आड़े जाएगी और माननीय की जनता के सामने यही कहेंगे , समस्या को समाप्त करना चाहते हैं , लेकिन मजबूरियों ने हमारे हाथ बांध रखे हैं।
सो, जनता समझ ले कि 2019 का यह गर्मी का मौसम उन्हें पानी के लिए तरसने का मौसम रहेगा। जी भर कर प्यास बुझाने के लिए फिलहाल जनता के सामने इंतजार के सिवा कोई रास्ता नहीं है!