झाँसी। यह जो चित्र आप देख रहे हैं इनमें नजर आ रही शख्सियत नाम और पहचान की मोहताज नहीं है, लेकिन दोनों में एक बड़ी समानता का गुण है, जिसे सादगी और सहजता कहते हैं । नगर के प्रथम नागरिक महापौर रामतीर्थ सिंघल सादगी की प्रतिमूर्ति है , तो प्रतिष्ठित व्यापारी और सांसद अनुराग शर्मा सहजता की जीती जागती मिसाल है।
दोनों शख्सियतों के धरातल से जुड़ने की कहानी शुरू करने से पहले यह बताना जरूरी है कि दोनों ने ही राजनीति का सफर पिछले सालों में कुछ ऐसे अंदाज में किया जो राजनीति के क्षेत्र में कदम रखने वालों के लिए प्रेरणादायक है।
पिछले कई सालों से या यूं कहें कि कई दशकों से रामतीर्थ सिंघल भारतीय जनता पार्टी के एक कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में अपने आप को समर्पित किए है । उन्हें पार्टी में कोई बड़ा पद नहीं मिला , लेकिन कर्म प्रधान सिंघल ने अपनी सादगी और मिलनसार भरी शख्सियत को पार्टी नेताओं के सामने इस प्रकार प्रदर्शित किया कि उन्हें महापौर जैसे पद के लिए पार्टी ने उपयुक्त मानते हुए मौका दिया ।
भले ही आज की राजनीति में जोड़-तोड़ और जुगाड़ सर्वोपरि हो गया हो , लेकिन रामतीर्थ सिंघल राजनीति में एक ऐसे उदाहरण हैं जो कर्म पथ पर चलते हुए सफलता पाने वाले कहे जाते हैं । अपने कर्म से सफलता के पथ पर खड़े होने के बाद भी रामतीर्थ सिंघल ने सादगी को छोड़ा नहीं और जब लोकसभा चुनाव 2019 की बारी आई तो चुनावी प्रचार में जनता से संवाद का पार्टी से मिला दायित्व एक कार्यकर्ता के रूप में इस प्रकार निभाया की पूरे कैम्पेन वो में छाए रहे।
देश दुनिया में पहचाने जाने वाली बैद्यनाथ जैसी फर्म का संचालन का दायित्व निभा रहे अनुराग शर्मा अपने पिता पूर्व सांसद स्वर्गीय विश्वनाथ शर्मा से राजनैतिक जानकारी लेते हुए समय के साथ परिपक्व होते रहे हालांकि वह सार्वजनिक जीवन में राजनीतिक तौर पर कभी नजर नहीं आए , लेकिन उनकी सहजता सार्वजनिक समारोह में जिसने भी देखी वह उनका कायल हो गया।
इस लोकसभा चुनाव में जब अनुराग शर्मा को भारतीय जनता पार्टी ने प्रत्याशी बनाया तो उनकी सहजता देखने का मौका सभी को मिला अपने चुनावी प्रचार में अनुराग शर्मा आम से लेकर खास शख्सियत को उनके भाव और मंशा के अनुरूप मिलते हुए दिलों में ऐसे उतरे की जीत का रिकॉर्ड नई ऊंचाइयों को छू गया ।
हालांकि अनुराग शर्मा के लिए शुरुआती दौर में यह कहा जा रहा था कि वह बड़े घराने के व्यक्ति हैं शायद ही जनता के बीच घुल मिल पाएंगे, लेकिन समझने वालों के साथ जब आम आदमी ने उन्हें नजदीक से देखा तो समझ आया कि उनका विशाल व्यक्तित्व सहजता की छांव में ऐसे रहता हैं। यही कारण है कि उनके संपर्क में आने पर हर व्यक्ति उनका मुरीद हो जाता है । दूरदृष्टि और जनसेवा का संकल्प अनुराग शर्मा के प्रचार के दौरान नजर भी आया । बुंदेलखंड में किसानों की हालत सुधारने से लेकर खेती के आधुनिक तरीके विकसित करने की उनकी विचारधारा दर्शा रही है कि वह जिस लगन और मेहनत से बैधनाथ जैसी फर्म को ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं, अपने संसदीय काल मे क्षेत्र की जनता को निश्चय ही बड़ी सौगात देंगे।
अब जब अनुराग शर्मा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की तो इस जीत में महापौर रामतीर्थ सिंघल और पार्टी के हजारों कार्यकर्ताओं का आभार जताने के लिए अनुराग शर्मा खुले दिल से सबसे मिले । अनुराग शर्मा की जीत में झांसी की राजनीतिक के चाणक्य कहे जाने वाले विधायक रवि शर्मा ने खूब पसीना बहाया । अनुराग शर्मा ने उन्हें भी भरपूर सम्मान दिया।
बीते रोज जब मतगणना के परिणाम सामने आ रहे थे, तब महापौर रामतीर्थ सिंघल जीत की जश्न में कुछ ऐसे डूबे कि ढोल नगाड़ों की ताल पर उनके कदम जमकर थिरके । आभार जताते हुए यह तस्वीर हमें बेहद पसंद आई । शायद आप इस तस्वीर को देखने के बाद दोनों शख्सियत की सादगी और सहजता का अंदाजा लगा सकते हैं