झांसीः सत्ताधारी दल होने के नाते यदि आज नगर निगम के उप सभापति चुनाव मे जीत हासिल नहीं होती, तो शायद भाजपा नेताओ की नाक कटने की पूरी तैयारी थी। ऐसे मे उप सभापति पद के प्रत्याशी सभासद दिनेश प्रताप सिंह उर्फ बंटी राजा ने गोट फिट की और पार्टी की लाज बचा ली।
नगर निगम झाँसी में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन चुकी उप सभापति की कुर्सी के लिए आज बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह व कांग्रेस के अब्दुल जाबिर ने नामांकन किया। इस कांटे की लड़ाई में भाजपा अपने प्रत्याशी को रणनीति के आधार पर जीता हुआ मान रही थी है, तो वहीं विपक्ष अपनी एकुजुटता जताते हुए अपने उम्मीदवार की जीत पक्की मान रहा है। नामांकन के बाद पल-पल बदले घटनाक्रम में आखिर भाजपा की रणनीति काम आई और कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेते ही दिनेश प्रताप सिंह निर्विरोध उपसभापति चुन लिए गए।
गौरतलब है कि साठ सदस्यीय पार्षदों के सदन में पहली कार्यकारिणी के लिए बारह सदस्य चुने गए थे। इनमें भाजपा के 5, कांग्रेस व बसपा के 2-2 एवं निर्दलीय 3 सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। अब इन 12 कार्यकारिणी सदस्यों को उप सभापति चुनना है। उप सभापति पद पर जीत के लिए प्रत्याशी को 5 मतों की दरकार है। भाजपा ने अपने पाले में पार्टी के 5 सदस्यों के अलावा दो अन्य विपक्षी सदस्यों के होने का दावा कर रही थी। वहीं एकजुट हुए विपक्ष ने भी अपन सात सदस्यों के आधार पर अपने प्रत्याशी की जीत की संभावनाओं को प्रबल बताया था। अभी दोनों प्रत्याशियों के रणनीतिकार अपनी राजनैतिक चालें चल ही रहे थे, कि कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल जाबिर ने नाम वापस ले लिया। उनके नाम वापस लेते ही भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह बुंदेला को निर्वाचन अधिकारी ने निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया।
विपक्ष की टूट का उठाया फायदा
नगर निगम झाँसी के मेयर रामतीर्थ सिंघल, सत्तारूढ़ भाजपा के विधायक पं. रवि शर्मा व राजीव पारीछा ने भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपनी रणनीति के चलते विपक्ष को कमजोर कर दिया। विपक्ष के पार्षद टूटकर भाजपा खेमे में दिखने लगे। इस पर विपक्ष ने अपनी हार मान ली और प्रत्याशी अब्दुल जाबिर ने नाम वापस ले लिया।