Headlines

झांसीः सपा मे अंदर उभर रहे नये समीकरण की झलक?

झांसीः यकीन तो नहीं होता, लेकिन आंखे जो देखती है, वो सच मानने को मजबूर हो जाना पड़ता है। हां, यह भी सही है कि कभी-कभी आंखों देखा भी झूठ होता है। बरहाल, अभी जो समाजवादी पार्टी मे  नजर आ रहा है, उससे कुछ सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं।

मसलन, क्या सपा मे  दूसरी लाइन के नेताओ  का दौर शुरू हो गया है? क्या अब दिग्गजो  की साख दूसरे अपने पाले मे  करने मे  कामयाब हो रहे हैं? दरअसल, सपा मे  स्थानीय स्तर पर दो खेमे माने जाते हैं।

एक चन्द्रपाल सिंह यादव, दूसरा दीप नारायण सिंह यादव का। लोग कुछ ऐसा कहते है, लेकिन दोनों नेता इस बात से कभी इत्तेफाक नहीं रखते। बीते कुछ सालो मे  समाजवादी पार्टी मे  दो दिग्गजो  को चुनौती देने के कई मौके आए।

पिछले दिनो  चुनौती के रूप मे  उभरे एमएलसी प्रतिनिधि आरपी निरंजन ने अपनी सार्थकता साबित करते हुये जंग जीत ली? अब युवा जोश नये समीकरण के साथ मैदान मे  आने को तैयार है?

आप तस्वीर मे  देख सकते है कि राहुल सक्सेना का टिकट फाइनल होने के बाद युवा सपाईयो  मे खासा जोश है और वे अपनी दिशा तय करने मंे जुट गये हैं? सपा मानकर चलती है कि बिना चन्द्रपाल सिंह यादव और दीप नारायण सिंह यादव की सहमति से कुछ नहीं हो सकता, लेकिन राजनीति मे  कभी-कभी चहेते अच्छे-अच्छांे पर भारी पड़ जाते हैं!

राहुल सक्सेना का टिकट बताता है कि युवाओ  की सीधी पकड़ दिग्गजो  के लिये संदेश है? युवाओ  का जोश कहे जाने वाले प्रतिपाल सिंह यादव दाउ की राहुल सक्सेना के साथ पुरानी जोड़ी है।

यह एक साथ जेडीए मे  सदस्य नामित हुये थे। आज एक बार फिर से प्रतिपाल, राहुल सक्सेना, हैप्पी चावला आदि युवा टीम कुछ कर दिखाने को बेताब है।

इधर, राहुल सक्सेना का टिकट फाइनल होने के बाद यह चर्चा है कि हर भजन साहू के अरमान क्यो  पूरे नहीं हो सके? जानकार मानते है कि लोकल बॉडी ने पैनल मे  जो नाम तय किये, वो हरभजन से अधिक मजबूत साबित हुये और पहली जंग जीत गये।

हरभजन को चन्द्रपाल खेमे से शायद आशीर्वाद नहीं मिल सका?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *