झांसीः क्या बुन्देलखण्ड निर्माण मोर्चा आगामी लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर पृथक बुन्देलखण्ड राज्य को लेकर जमीन तैयार कर रहा है? क्या भानू सहाय और उनकी टीम दूसरे के लिये जमीन बनाने को तैयार हो रही है? यह सवाल आज भानू व उनके सहयोगियो की एक बार फिर से भरी गयी हुंकार से उपजे हैं। टीम ने साफ कहा कि भाजपा के लिये बुन्देलखण्ड का मुददा लोकसभा चुनाव मे भारी पड़ेगा।
पिछले कुछ सालो से कहा जाना चाहिये कि जल, थल, नभ मंे आंदोलन कर रहे भानू सहाय और उनके साथ वो जमीन तैयार नहीं कर पाये, जिसमे आवाज ठोस दिखे।
अपने साथियो की दम पर केन्द्रीय मंत्री उमा भारती को गरियाने वाले भानू सहाय पिछले दिनो जुर्माना तक भर चुके हैं। ऐसे मे सवाल उठ रहा है कि आखिर भानू व उनकी टीम का पृथक राज्य का आंदोलन सफलता के पथ पर क्यो नहीं चल पाता?
इस मामले मे जानकार कुछ कारण बताते हैं। वैसे तो भानू सहाय का बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण मोचा नामक संगठन गैर राजनैतिक है, लेकिन भानू सहाय और उनके साथियो पर कांग्रेस का तमगा लगा है। दो नाव पर सवार हो कर बुन्देलखण्ड राज्य का मुददा उठा रहे भानू सफलता के पथ पर आते-आते फिसल जाते हैं।
पिछले चुनाव से पहले भानू सहाय और उनकी टीम ने पृथक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण के लिये जो जमीन तैयार की, उसे कांग्रेस के लिये लगा दिया? ऐसे मे लोग तय नहीं कर पाते कि वो भानू के साथ रहे या नहीं?
पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने पूरे समय शासन किया और बुंदेलखंड की जनता से किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं कर सकी। यहां की जनता खुद को छला हुआ महसूस कर रही है। इसका परिणाम भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, क्षेत्रीय सांसद उमा भारती ने पिछले लोकसभा चुनाव की सभाओं में बुंदेलखंड राज्य का निर्माण सरकार बनने के तीन वर्ष के अंदर कराने का दावा किया था। गत 25 मई 2017 को तीन वर्ष पूरे हो गए, मगर केंद्र सरकार में पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण के पक्ष में कार्यवाही तक प्रारंभ नहीं हुई। इससे क्षेत्रीय जनता निराश है।
झाँसी बंद होगा 25 मई को
उन्होंने बताया कि आगामी 25 मई 2018 को सरकार के चार वर्ष पूरे हो जाएंगे। बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा इस दिन झाँसी बंद का आह्वान किया गया है। मोर्चा का प्रयास होगा कि सभी घटक संगठन, व्यापारी संगइन एवं सभी राज्य समर्थक राजनैतिक व गैर राजनैतिक संगठनों की समन्वय समिति बनाकर एकजुटता के साथ 25 मई को झांसी बंद कर केंद्र सरकार तक बुंदेलखंड वासियों के आक्रोश एवं भावनाओं को पहुंचाया जा सके। साथ ही मोर्चा की इकाईयों द्वारा सभी नपदों में काले झण्डे लेकर प्रदर्शन किया जाएगा और ज्ञापन भी भेंट किया जाएगा।
कुछ इस तरह होगा विरोध प्रदर्शन
भानूसहाय ने कहा कि 25 मई को ही झांसी बंद के उपरांत हर महीने की 25 तारीख को बुंदेलखंड क्षेत्र के समस्त जनपदों में शाम सात से रात नौ बजे के बीच सुविधानुसार घंटा, घडिय़ाल, मजीरा, शंख, थाली आदि बजाकर केंद्र सरकार तक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की आवाज को पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।
न्यायालय ने मुकदमा दर्ज नहीं किया, उल्टा जुर्माना ठोंक दिया
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री उमा भारती के वादा खिलाफी करने पर उन्होंने स्वयं न्यायालय में उमा भारती के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अपील की थी। न्यायालय ने सुनवाई के उपरांत मुकदमा तो दर्ज नहीं किया, बल्कि उल्टे पर (भानूसहाय) ही दो हजार रुपए का जुर्माना ठोंक दिया। इस जुर्माने की राशि भरने के लिए बाजारों व क्षेत्र की जनता से एक-एक रुपए प्रति व्यक्ति संग्रह किया जाएगा।
प्रोजेक्टर से खोलेंगे उमा भारती की पोल
भानूसहाय का कहना है कि उमा भारती ने अपनी चुनावी सभाओं में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर व भगवान रामराजा सरकार को साक्षी मानकर तीन साल के अंदर बुंदेलखंड राज्य बनाए जाने का संकल्प लिया था। उनके इन भाषणों को बुंदेलखंड के विभिन्न क्षेत्रों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रदर्शित कर जनता को उनके झूठे वादों और कथनी व करनी से रूबरू कराया जाएगा।
इस मौके पर रघुराज शर्मा, उत्कर्ष साहू, हमीदा अंजुम, सुरेश मिश्रा, जगमोहन मिश्रा, गिरजा शंकर राय, सीडी लिटौरिया, प्रदीप आदि उपस्थित रहे।