झांसी-आदिवासी महिला की मौत कैसे तमाशा बन गयी!

झांसीः सरकार कह रही है कि हर गांव मे शौचालय बनाये जा रहे हैं। खुले मे शौच ना करने को लेकर जागृत भी किया जा रहा है, लेकिन गरीब और अनपढ़ की सोच मे बदलाव के लिये अभी बहुत कुछ किया जाना है। यह बात इसलिये उठ रही है, क्यांकि एक आदिवासी महिला सड़क पार शौच के लिये जाते समय मौत की आगोश मे समा गयी।

महिला आदिवासी थी, इसलिये सड़क पर ही शव पड़ा रहा। पुलिस को सूचना मिली, तो चादर से शव लपेट दिया। बाद मे पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया।

बताया जाता है कि  मऊरानीपुर राजमार्ग स्थित कस्बा निवाडी के ग्राम कुलुआ के पास मगलवार की सुबह सडक पार करके शौच के लिए जा रही पार्वती आदिवासी महिला की ट्रक की चपेट मे आने से मौके पर दर्दनाक मौत,दुर्घटना उपरांत मौके से भाग रहे ट्रक चालक की धुनाई कर पुलिस के हवाले कर दिया। मौके पर पहुंची निवाडी पुलिस ने मृतका के शव को कव्जे मे लेकर ट्रक चालक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर दिया।

यहां सवाल यह उठ रहा है कि देश मे कितनी जोरशोर से लोगो  को जागृत करने का काम करने का दावा किया जाता है, लेकिन राजनैतिक जमीन मे कोई भी संदेश धरातल पर सुनायी नहीं देता। यही कारण है  कि शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर अन्य योजनाओ  का लाभ पाने वाले मोहताज होकर आज भी बदहाली की जिन्दगी जी रहे है। कई मर रहे हैं।

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