झांसीः बुन्देलखण्ड के बांदा मे एक शिक्षामित्र ने आर्थिक हालात के आगे खुद को सरेडर कर दिया। इस शिक्षिका ने मौत का वो रास्ता चुना, जिसके बाद वो वापस नहीं आ सकती। शिक्षिका की मौत को लेकर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
यूपी सरकार और केन्द्र सरकार लगातार यह दावे कर रही है कि गरीब का दर्द उनका दर्द है। इससे उलट सरकारी तंत्र से जुड़े लोग ही दर्द मे डूबे हैं। इसका ताजा उदाहरण बांदा की यह शिक्षामित्र है। हालांकि शिक्षिका की मौत ही जांच चल रही है।
बांदा जनपद के कमासिन थाना क्षेत्र में महिला शिक्षा मित्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी से परेशान होना बताया जा रहा है। फिलहाल सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कार्रवाही शुरु कर दी है।
बाँदा के कमासिन थाना क्षेत्र के पाली में महिला शिक्षामित्र सीमा देवी रहती है। सीमा देवी के परिजनों के अनुसार मृतका गाँव में ही प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर नियुक्त थी।वह विद्यालय में पढ़ाकर घर लौटी थी।
परिजनों का कहना है कि मृतका के तीन बेटियां हैं और शादी में आये आर्थिक संकट से मृतका परेशान थी। मृतका का समायोजन रद्द होने से वेतन भी बेहद कम हो गया था जिससे मृतका बेहद तनाव में चल रही थी। इसी कारण उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।